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सीट बेल्ट सम्बन्धी क़ानूनी उपाय के पाँच दशक, बचाई गईं लाखों ज़िन्दगियां Photo tweeted by United Nations Road Safety Fund
नई दिल्ली, 7 जून 2023 : संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने मंगलवार को बताया कि वाहनों में सीट बेल्ट पहनने के क़ानूनी प्रावधान (Legal provisions for wearing seat belts in vehicles) को अनिवार्य बनाए जाने से लाखों लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा सुनिश्चित कर पाना सम्भव हुआ है. विश्व भर में, वाहन सम्बन्धी सुरक्षा क़ानूनों के पाँच दशक पूरा होने के अवसर पर इन उपायों की अहमियत को रेखांकित किया गया है.
सड़क सुरक्षा के लिए यूएन के विशेष दूत ज्याँ टोड ने कहा कि, “सुरक्षा बेल्ट की अनिवार्यता, दुपहिया वाहनों के लिए हेलमेट, और रोड सुरक्षा के लिए राजनैतिक प्रतिबद्धता में मज़बूती ने, वर्ष 1970 के दशक के बाद से योरोप में सड़कों पर होने वाली मौतों में कमी लाने में निर्णायक भूमिका निभाई है.”
वाहनों में सीट बेल्ट पहनने के क़ानूनी प्रावधान (Legal provisions for wearing seat belts in vehicles) को अनिवार्य बनाए जाने से लाखों लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा सुनिश्चित कर पाना सम्भव हुआ है
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के अनुसार, आगे की सीट पर यात्रियों द्वारा सुरक्षा बेल्ट पहनने से घातक रूप से ज़ख़्मी होने और मौत की आशंका में 45 से 50 फ़ीसदी की कमी लाई जा सकती है.
वहीं, पीछे की सीट पर बैठने वाले यात्रियों को गम्भीर चोटों में 25 प्रतिशत की कमी आने की सम्भावना होती है.
संयुक्त राष्ट्र की नियामन संख्या 16 के तहत, वाहनों में सीट बेल्ट लगाए जाने और उसे पहने जाने की तकनीकी जानकारी दी गई है, और यह वर्ष 1970 में अमल में आई थी.
इसके बाद के वर्षों में, वाहनों में सीट बेल्ट के इस्तेमाल के लिए क़ानूनी प्रावधान वाले देशों की संख्या में वृद्धि हुई.
सड़क सुरक्षा पर यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलहाल, 105 देशों में सर्वोत्तम रक्षा उपायों के अनुरूप, सीट बेल्ट क़ानूनों को अपनाया गया है.
मृतकों व घायलों की संख्या में गिरावट (Decline in the number of dead and injured)
योरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) का कहना है कि यात्रियों को किसी दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल होने से बचाने या वाहन से बाहर निकलने से बचाने के लिए सीट बेल्ट, सर्वोत्तम सुरक्षा उपाय है.
इस आयोग द्वारा, सड़क सुरक्षा के लिए यूएन के विशेष दूत के कार्यालय और ट्रस्ट फ़ंड की मेज़बानी की जाती है, जिसे वर्ष 2018 में शुरू किया गया था.
Mandatory wearing of safety belts in🚗introduced in #Europe at the turn of the 1970s has saved millions of lives🌍in the past 50yrs.
Buckling up remains the best #RoadSafety measure to protect passengers from being severely injured or ejected from #vehicles.@UNECE @AutolivInc pic.twitter.com/oTRpFHsILL
— United Nations Road Safety Fund (@UN_RSF) June 6, 2023
सड़क हादसों में हताहतों की संख्या में 15 से 25 प्रतिशत तक की कमी
UNECE का कहना है कि पिछले अनेक दशकों में, नियामन और उपभोक्ता मांग से उच्च-आय वाले देशों में कारें पहले से अधिक सुरक्षित हुई हैं. सड़कों पर कम संख्या में लोगों की मौत हो रही है या फिर वे घायल हो रहे हैं.
उदाहरणस्वरूप, योरोप में वर्ष 2000 और 2010 के बीच सड़क हादसों में मृतकों या घायलों की संख्या में 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, और 2010 से 2019 तक इसमें 15 प्रतिशत की कमी आई.
सड़क सुरक्षा पर अन्तरराष्ट्रीय परिवहन फ़ोरम की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2019 की अवधि में, विकसित देशों की सड़कों पर कार में बैठे व्यक्तियों की मौतों की संख्या में गिरावट नज़र आई, विशेष रूप से ग्रीस में जहाँ, मृतक व घायलों की संख्या में 63 प्रतिशत की कमी आई.
कोरिया गणराज्य के लिए यह आँकड़ा 51 प्रतिशत आंका गया है.
रिपोर्ट बताती है कि 13 अन्य देशों में घायलों और मृतकों की संख्या में 30 प्रतिशत या उससे अधिक की कमी दर्ज की गई है: अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, डेनमार्क, आयरलैंड, लक़्ज़मबर्ग, लिथुएनिया, पोर्तुगल, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, और स्विट्ज़रलैंड.
रक्षा उपायों पर बल
यूएन आयोग का कहना है कि अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे देश हैं, जहाँ उपयुक्त क़ानूनी प्रावधानों की आवश्यकता होगी, ताकि वाहन चालकों और यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य बनाया जा सके और उनका सख़्ती से पालन सम्भव हो.
सड़कों पर हर वर्ष 13 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है. वाहनों से जुड़ी घटनाओं में होने वाली 93 प्रतिशत मौतें विकासशील देशों में होती हैं.
यूएन के विशेष दूत ने देशों की सरकारों और उद्योग जगत के सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रयास किए जाने पर बल दिया है, ताकि विकासशील जगत में भी लोगों को, विकसित देशों के समान स्तर पर सुरक्षा मिल सके.
इसका अर्थ होगा: अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप क़ानूनों को अपनाया व लागू किया जाना, और नए व इस्तेमाल किए गए वाहनों में सीट बेल्ट की उपयुक्त व्यवस्था किया जाना.
महत्वपूर्ण क़ानूनी प्रावधान
संयुक्त राष्ट्र नियामन संख्या 16, वाहनों में सीट बेल्ट के इस्तेमाल के लिए एकमात्र अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त उपाय है.
यह कारगर सीट बेल्ट से जुड़ी अहर्ताओं को निर्धारित करने के अलावा, उनके परीक्षण व प्रमाणन परीक्षण को सुनिश्चित करता है, जिससे वाहन चालकों व यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है.
नियामन संख्या 16 के अन्तर्गत, स्वीकृति प्राप्त सीट बेल्ट का बेहद सख़्त परिस्थितियों में परीक्षण किया जाता है, ताकि उनकी सहन करने और अन्य सुरक्षा प्रणालियों, जैसेकि एयर बैग के साथ काम करने की क्षमता को मापा जा सके.
फ़िलहाल 52 देश, पहियों वाले वाहनों के लिए यूएन तकनीकी नियामन पर वर्ष 1958 में हुए समझौते में शामिल हुए हैं, जोकि नियामन संख्या 16 को राष्ट्रीय क़ानून बनाता है. वहीं, अनेक अन्य देशों ने कुछ बदलावों के साथ इस नियामन को लागू किया है.
सीट बेल्ट से इतर, वाहन यात्रियों और सड़क पर अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र नियामन के तहत एयर बैग, इलैक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण, राहगीर सुरक्षा और बच्चों को नियंत्रण में रखने समेत अन्य उपाय हैं.
(स्रोत : संयुक्त राष्ट्र समाचार )
Five Decades of Seat Belt Legislation Helped Save Millions of Lives