ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप– ईटीडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक 2 से 4 अप्रैल, 2023 तक गांधीनगर, गुजरात में होगी
नई दिल्ली, 2 अप्रैल 2023. भारत के जी 20 अध्यक्षता के अंतर्गत ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप– ईटीडब्ल्यूजी- Energy Transition Working Group – ETWG) की दूसरी बैठक 2 से 4 अप्रैल, 2023 तक गांधीनगर, गुजरात में होने वाली है।
एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक का एजेंडा
तीन दिवसीय इस बैठक के दौरान, जी 20 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक प्रतिनिधि, विशेष आमंत्रित सदस्य देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे।
विद्युत मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस दूसरी ईटीडब्ल्यूजी बैठक में पिछली बैठक के प्रमुख विचार बिन्दुओं पर फिर से विचार करने और चर्चाओं को आगे बढ़ाने की संभावना है, जिससे प्रमुख क्षेत्रों पर सर्व सम्मति बन सके।
दूसरी ओर, इस दूसरी ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप – ईटीडब्ल्यूजी) की बैठक से अलग हटकर इतर तीन अन्य आयोजन भी होंगे।
1. वैश्विक हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम– संतुलित मार्ग बनाना (ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम- एनेबलिंग जीरो पाथवे- Global Green Hydrogen Ecosystem - Enabling Zero Pathway) पर संगोष्ठी
2. ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संबल के रूप में शीतलन को बढ़ाने (ऐक्सलीरेट कूलिंग) पर संगोष्ठी
3. ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विविध अक्षय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाएं
अलग से आयोजन (साइड इवेंट्स) सफल पहलों से ज्ञान साझा करने में सक्षम होंगे जिन्हें उभरती अर्थव्यवस्थाओं में दोहराया जा सकता है।
दूसरी ईटीडब्ल्यूजी बैठक के एक हिस्से के रूप में, प्रतिनिधि गिफ्ट सिटी, दांडी कुटीर और मोढेरा सूर्य मंदिर भी जाएंगे। प्रतिनिधियों को गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, कला, वास्तुकला, संस्कृति और व्यंजनों की अनुभूति भी होगी।
एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक
पहली ईटीडब्ल्यूजी बैठक 5-7 फरवरी, 2023 को बेंगलुरु में आयोजित की गई थी, जहां सदस्य देशों ने भारतीय राष्ट्रपति द्वारा चिन्हित किए गए निम्नलिखित छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, के लिए व्यापक समर्थन दिया था:
1. प्रौद्योगिकी अंतराल को संबोधित करते हुए ऊर्जा परिवर्तन
2. ऊर्जा परिवर्तन के लिए कम लागत का वित्तपोषण
3. ऊर्जा सुरक्षा और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं
4. ऊर्जा दक्षता, औद्योगिक कम कार्बन संक्रमण और उत्तरदायित्वपूर्ण उपभोग
5. भविष्य के लिए ईंधन, तथा
6 स्वच्छ ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच और न्यायसंगत, किफायती और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन मार्ग
इसके अलावा, सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में कुछ अन्य क्षेत्रों की पहचान की गई, जिसमें दक्षता बढ़ाना और इलेक्ट्रोलाइजर, ईंधन सेल, कार्बन कैप्चर उपयोग और भंडारण (कार्बन कैप्चर यूज एंड स्टोरेज – सीसीयूएस) की लागत को कम करना और बैटरी भंडारण एवं छोटे मोड्यूलर परमाणु रिएक्टरों के लिए उन्नत रसायन सेल शामिल थे।
भारत की अध्यक्षता में ऐसी चार ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप – ईटीडब्ल्यूजी) बैठकें, विभिन्न इतर आयोजनों (साइड इवेंट्स) और एक मंत्रिस्तरीय बैठक की योजना बनाई गई है।
भारत की जी 20 अध्यक्षता उन पिछली अध्यक्षताओं के प्रयासों और परिणामों पर निर्मित होगी, जिन्होंने स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में वैश्विक सहयोग की भावना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है और इसे सतत आर्थिक विकास के एजेंडे के लिए केंद्र बिंदु बना दिया है।
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