दास व्यापार और उसके उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस का इतिहास और महत्व
नई दिल्ली, 24 अगस्त 2023: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने ‘दास व्यापार और उसके उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस’ (International Day for the Remembrance of the Slave Trade and its Abolition) पर शोषण का तत्काल अन्त किए जाने की पुकार लगाई है.
अपने सन्देश में यूनेस्को प्रमुख ने कहा कि यह समय, सदैव के लिए मानव शोषण का उन्मूलन करने और हर एक व्यक्ति के लिए गरिमा सुनिश्चित करने का है.
“आज, आइए हम अतीत के पीड़ितों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें ताकि न्यायसंगत समाजों के निर्माण में वे भावी पीढ़ियों को प्रेरित कर सकें.”
दास व्यापार और उसके उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस का उद्देश्य
वर्ष 1791 में 22-23 अगस्त की रात ने इतिहास को तब बदल कर रख दिया, जब सेन्ट डोनिन्गे (हेती) में विद्रोह के स्वरों ने पार-अटलांटिक दास व्यापार का अन्त करने में अहम भूमिका निभाई.
इस पृष्ठभूमि में, हर वर्ष 23 अगस्त को ‘दास व्यापार और उसके उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस’ मनाया जाता है.
इस दिवस के ज़रिये अफ़्रीका, अफ़्रीका, योरोप, अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र में दास व्यापार के भयावह अनुभवों को सामूहिक चेतना में जीवित रखने का प्रयास किया जाता है.
यूनेस्को ने अपनी एक अन्तर-सांस्कृतिक परियोजना, दासता का शिकार लोगों के मार्ग, इस व्यापार के प्रति समझ को बढ़ाने की कोशिश की है, जिसके तहत दासता, उसके उन्मूलन व प्रतिरोध की थीम पर उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक नैटवर्क व पहलों को विकसित किया गया है.
1994 में शुरुआत के बाद से अब तक, इस परियोजना ने दासता के इतिहास और आधुनिक दुनिया को आकार देने में पसरी चुप्पी को तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है.
इसका एक प्रमुख उद्देश्य, समाज की दूर दृष्टि को विनस्लीकरण में योगदान देना और उसे औपनिवेशवादी नज़र से देखे जाने पर विराम लगाया जाना है. इसके तहत, उन धारणाओं व वृतान्तों को दूर करना होगा, जिनके ज़रिये नस्लीय सिद्धान्तों का हवाला देते हुए इन शोषणकारी व्यवस्थाओं को सही ठहराया जाता है.
साथ ही, मानवता की प्रगति के इतिहास में अफ़्रीकी मूल के लोगों के योगदान को बढ़ावा दिया जाता है, और उन सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक विषमताओं पर सवाल उठाया जाता है, जो कि दास व्यापार की विरासत हैं.
आर्क ऑफ़ रिटर्न
दास व्यापार के लाखों पीड़ितों ने बयाँ ना की जा सकने वाले अन्याय को भोगा. उनकी और इस दमनकारी प्रथा का उन्मूलन करने के पक्ष में खड़े हुए नायकों की स्मृति को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘ऑर्क ऑफ़ रिटर्न’ नामक एक स्मारक में संजोया गया है.
इस स्मारक का नाम, त्रिभुजाकार दास व्यापार के मानचित्रों और सेनेगल के एक द्वीप पर दासों के एक दुर्ग की कहानी से प्रेरित है, जहाँ उन्हें जहाज़ पर भेजे जाने से रखा जाता था.
इस दुर्ग पर एक दरवाज़ा था, जिसे माना जाता था कि यहाँ से जाने के बाद लौटना सम्भव नहीं होगा.
वर्ष 2015 में यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में स्मारक के आर्किटेक्ट, हेती मूल के रोडनी लियोन ने यह नाम रखे जाने की वजह बताई थी.
उन्होंने कहा कि वापसी के लिए एक आध्यात्मिक स्थान को स्थापित करने की ज़रूरत महसूस की गई, ऑर्क ऑफ़ रिटर्न. एक ऐसा जहाज़ जहाँ एक जवाबी वृतान्त को तैयार करना और दासता के कुछ अनुभवों को दूर करना सम्भव हो.
(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र समाचार)