Advertisment

तो सिंधिया की जगह लेंगे प्रफुल्ल पटेल?

प्रफुल्ल पटेल का ज्योतिरादित्य सिंधिया कनेक्शन क्या है? क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को हटाकर प्रफुल्ल पटेल को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया जाएगा ? वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार का विश्लेषण

author-image
hastakshep
03 Jul 2023
New Update
So Praful Patel will replace Scindia

क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को हटाकर प्रफुल्ल पटेल को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया जाएगा ? वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार का विश्लेषण

Advertisment

महाराष्ट्र घटनाक्रम पर मुझे बड़ा दुख होता है जब लोग कहते हैं कि शरद पवार ने ये गेम किया होगा। देखिए लगभग रिवर्स है, जैसे राहुल गांधी को पप्पू बोल दिया जाए और उनकी प्रतिभा को छोटा करके देखा जाए। इसी तरीके से शरद पवार को पप्पू का उल्टा एक्सट्रीम में उनको चाणक्य और इधर उधर बोल के उनके ही खिलाफ में बात बोली जाए। ये शरद पवार की तारीफ नहीं हो रही है। 

जब शरद पवार ने साफ-साफ कहा है कि जनता हमारे साथ है, हमको प्रफुल्ल पटेल ने धोखा दिया है। साफ है कि प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। 

प्रफुल्ल पटेल का ज्योतिरादित्य सिंधिया कनेक्शन

Advertisment

प्रफुल्ल पटेल पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रूप में जाने जाते हैं। और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। अब देखिए कनेक्शन। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्य प्रदेश में क्या बुरा हाल है। उनके समर्थकों को टिकट तो नहीं दिए जाएंगे अब उनका मंत्री पद भी वापस होगा। अब इधर एमपी के चुनाव में उनकी जरूरत खत्म और उनका मंत्री पद गया, तो कौन आएगा? यही उड्डयन मंत्री लाइन में लगे रहेंगे। ये दूसरे प्रफुल्ल पटेल वाले जो हैं। तो ये पूरा गेम सेट है। जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी की पॉलिसी है, अपने ही साथ के लोगों को कमजोर करना तोड़ना और इस्तेमाल करना और इस्तेमाल करके फेंक देना, उसमें यह संभव है।

चर्चा है कि देवेंद्र फडणवीस का कद बाढ़ गया या वह बीजेपी के मुख्यमंत्री होने वाले हैं। जब होने वाले हैं तब होने वाले हैं, फिलहाल तो स्थिति यह है कि उनके बगल में एक और डिप्टी सीएम आ गया है। बीजेपी का कद घट गया है। देवेंद्र फडणवीस के बगल में अजीत पवार आ गए हैं। जो कभी मुख्यमंत्री होते थे वो उप मुख्यमंत्री हो गए और उपमुख्यमंत्री ही नहीं, वह डीके शिव कुमार भी नहीं बन पाए कि डीके शिव कुमार ने कहा था कि डिप्टी सीएम एक ही होगा और वही हुआ। लेकिन यहां पर एक ही नहीं दूसरा थोप दिया गया। तो ये देवेंद्र फडणवीस का कद बड़ा नहीं है, छोटा हो गया है। 

Advertisment

जिस तरीके से महाराष्ट्र में शरद पवार जनता के बीच कनेक्ट कर रहे थे, उनकी रैली में जितनी बड़ी भीड़ जुट रही थी, अब हालांकि फिर परीक्षा होगी क्योंकि सब वही करण बदलते हैं तो चीजों को फिर साबित करना पड़ता है। शरद पवार जी ने कोई बहाना नहीं बनाया है। उन्होंने कहा है कि हम पार्टी फिर से खड़ी करेंगे। यानी उन्होंने माना है कि लोग उनके साथ छोड़ कर गए हैं।

यही शरद पवार थे तब नहीं माना था उन्होंने जब रात के अंधेरे में शपथ दिलाई गई थी अजीत पवार को और तब अजीत पवार के पक्ष में सारे लोग हैं ऐसा दवा किया गया था लेकिन शरद पवार ने कुछ घंटा में एक-एक विधायक को अपने साथ जोड़ लिया और अकेले रह गए थे अजीत पवार। तब उन्होंने नहीं कहा था कि जनता फैसला करेगी। उन्होंने फैसला किया अभी ज्यादा दिन नहीं हुए उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने की जब अपील की थी तो पूरा महाराष्ट्र एनसीपी यूनिट रो रही थी, ज्यादा दिन नहीं हुआ है और आज ऐसा नहीं है कि जादुई तरीके से जन भावनाएं बदल जाएं। 

पूरा विश्लेषण सुनने के लिए देखें ये वीडियो

Advertisment

So Praful Patel will replace Scindia?







Advertisment
सदस्यता लें