नई दिल्ली, 9 जून 2023: संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय – (OFFICE OF THE HIGH COMMISSIONER FOR HUMAN RIGHTS) OHCHR ने कहा है कि सूडान में युद्धरत पक्षों को, संघर्ष की चपेट में आए आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और ज़्यादा उपाय करने होंगे.
मानवाधिकार कार्यालय की तरफ़ से ये आहवान, हाल के घातक हमलों और मानवाधिकार हनन लगातार जारी रहने के सन्दर्भ में किया गया है.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस (Spokesperson for the UN High Commissioner for Human Rights: Jeremy Laurence) ने जिनीवा में पत्रकारों से कहा, “हम सूडान में आम लोगों पर युद्ध के निरन्तर विनाशकारी प्रभाव पर चिन्तित हैं.”
ग़ौरतलब है कि सूडान की सशस्त्र सेनाओं (SAF) और सैन्य प्रतिद्वन्द्वी त्वरित समर्थन बलों (RSF) के बीच, मध्य अप्रैल में युद्ध भड़क उठा था, जिसके बाद दोनों पक्ष भीषणता के साथ भिड़े हुए हैं.
इस युद्ध में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 12 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
यूएन एजेंसियों और साझीदार संगठनों ने उभरते मानवीय संकट के बारे में बार-बार आगाह किया है.
ख़ारतूम में हो रहे घातक हवाई हमले
यूएन मानवाधिकार प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने कहा कि बुधवार को सूडान की राजधानी ख़ारतूम में एक व्यस्त मवेशी बाज़ार पर हुए एक हवाई हमले में, कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. ये हमला कथित रूप से SAF ने किया था. मृतकों में से कम से कम तीन लोग, एक ही परिवार से थे.
बुधवार को ही एक अन्य घटना में, ख़ारतूम के दक्षिणी हिस्से में, अल-शजरा ज़िले में एक बच्चा भी मारा गया, जब उसके घर को गोलाबारी का निशाना बनाया गया.
शरणार्थियों व अनाथ बच्चों की मौतें
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR ने बताया है कि उसे राजधानी ख़ारतूम में, सोमवार को चार अन्य आम लोगों के मारे जाने की भी ख़बरें मिली हैं .
उधर रविवार को भी एक ही परिवार के कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की ख़बरें मिलीं, जिनमें एक गर्भवती महिला भी थी.
रविवार को ही, ख़ारतूम के दक्षिणी हिस्से में एक खेलकूद परिसर के निकट हुए हवाई हमलों की चपेट में एक शरणार्थी केन्द्र भी आ गया, जिसमें कम से कम 10 शरणार्थियों के मारे जाने की ख़बरें हैं.
उससे भी अलग, ये युद्ध शुरू होने के बाद से, मानवीय सहायता की अनुपलब्धता और चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति नहीं होने के कारण, राजधानी ख़ारतूम में एक अनाथालय में अब तक लगभग 71 बच्चों की मौत हो चुकी है.
यौन हिंसा
प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने कहा कि यूएन मानवाधिकार कार्यालय, युद्ध सम्बन्धी यौन हिंसा की ख़बरों पर भी चिन्तित है.
प्रवक्ता ने कहा, “युद्ध शुरू होने के बाद से, हमारे कार्यालय को, युद्ध से जुड़ी यौन हिंसा की, 12 ऐसी घटनाओं के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली है, जिसमें कम से कम 37 महिलाओं को निशाना बनाया गया – अलबत्ता, ये संख्या और ज़्यादा हो सकती है.”
“कम से कम तीन घटनाओं में, पीडिताएँ, युवा लड़कियाँ थीं. एक मामले में, 18 से 20 महिलाओं के साथ, कथित रूप से यौन बलात्कार किया गया.”
जवाबदेही के लिए अपील
प्रवक्ता ने कहा, “हम मानवाधिकार उच्चायुक्त की ये पुकार दोहराते हैं कि युद्ध से सम्बन्धित दोनों पक्षों को आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून व अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून का सम्मान करना होगा.”
“उन्हें ये भी सुनिश्चित करना होगा कि मानवाधिकार हनन के तमाम मामलों की असरदार और स्वतंत्र जाँच कराई जाए और दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए.”
Sudan's violent civil war is still devastating civilians