नई दिल्ली, 28 अगस्त, 2023. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने कहा है कि विकासशील देशों में जैव विविधता संरक्षण (Biodiversity Conservation in Developing Countries) सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नए वैश्विक पर्यावरणीय कोष की स्थापना बेहद अहम है. यूएन एजेंसी भरोसा व्यक्त किया है कि इसके ज़रिये इन देशों में प्राकृतिक संसाधनों के सतत इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
कैनेडा के वैन्कूवर में वैश्विक पर्यावरणीय सुविधा केन्द्र (Global Environment Facility) की बैठक के दौरान वैश्विक जैव विविधता फ़्रेमवर्क कोष (global biodiversity framework repository) को स्थापित किया गया है.
यह कोष, अति-महत्वपूर्ण ‘कुनमिन्ग-मॉन्ट्रियाल वैश्विक जैवविविधता फ़्रेमवर्क’ को लागू करने के नज़रिये से अहम है, जो कि वर्ष 2030 तक जैवविविधता को पहुँच रहे नुक़सान को रोकने, उसकी दिशा को पलटने और 2050 तक प्रकृति को पुनर्बहाली के रास्ते पर ले जाने पर लक्षित है.
UNFAO की उपमहानिदेशक मारिया हेलेना सेमेडा ने ‘कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क (Kunming-Montreal Global Biodiversity Framework)’ और वैश्विक चुनौतियों पर पार पाने में कृषि एवं खाद्य प्रणालियों की अहमियत को रेखांकित किया.
“इस फ़्रेमवर्क में कृषि-खाद्य प्रणालियों को विशाल चुनौतियों के अग्रिम मोर्चे पर रखा गया है, जिसके लिए अहम वित्तीय संसाधनों, समन्वय, और आमजन व पृथ्वी के लिए ऐसे संकल्पों को लागू करने की आवश्यकता होगी, जिसमें सभी की जीत के लिए समाधान हों.”
उन्होंने बताया कि नया कोष, जलवायु कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इन समाधानों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक अहम क़दम भी.
कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जैवविविधता
कृषि-खाद्य प्रणालियों में जैवविविधता एक अहम भूमिका निभाती है. जैवविविधता, आनुवांशिक, प्रजाति और पारिस्थितिकी स्तरों पर विविध प्रकार के जीवन की परिचायक है और यह खाद्य सुरक्षा, टिकाऊ विकास और कृषि सम्बन्धी स्थिरता में अनिवार्य अंग है.
इसमें पालतू पशु व पौधे भी हैं, जो कि फ़सल, मवेशियों, वनों, मत्स्य पालन प्रणाली, जलीय प्रजातियों और जंगली प्रजातियों का भी हिस्सा हैं जिन्हें भोजन और अन्य उत्पादों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है.
बताया गया है कि ‘कुनमिन्ग-मॉन्ट्रियाल वैश्विक जैव विविधता फ़्रेमवर्क’ में आधे से अधिक लक्ष्य, सीधे तौर पर कृषि-खाद्य सैक्टर से जुड़े हुए हैं.
रूपान्तरकारी बदलावों की दरकार
यूएन खाद्य एवं कृषि संगठन को चार अहम संकेतकों का दायित्व सौंपा गया है: पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्बहाली, मछली भंडार, टिकाऊ कृषि, ज़िम्मेदार वन प्रबन्धन.
यूएन एजेंसी के अनुसार, कृषि-खाद्य प्रणालियों में काया पलट करने वाले बदलाव लाने, उन्हें और अधिक टिकाऊ बनाने से अनेक लाभ होंगे, जिनमें जैव विविधता संरक्षण भी है.
इस दिशा में क़दम आगे बढ़ाकर जलवायु कार्रवाई, सहन सक्षमता, आजीविकाओं को मज़बूती प्रदान की जा सकती है और खाद्य व पोषण सुरक्षा में बेहतरी लाई जा सकती है.
(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र समाचार)