No investigation, no treatment, will you survive lock down? The government government does not even want to save!
जांच नहीं, इलाज नहीं, लॉक डाउन से बच जाओगे? कितने दिन होगा लॉक डाउन? 15 लाख लोग विदेश से आये हैं, जिनकी न जांच हुई और। न निगरानी। करोड़ों लोग महानगरों, शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों से गांव-गांव घुस रहे हैं। किसी की जांच नहीं हो रही और न निगरानी।
शुतुरमुर्ग की तरह बालू में सर गढ़ने से दुनिया तबाह कर रही कोरोना सुनामी से बच नहीं सकते। सत्ता और सरकार कोरोना से बचना भी नहीं चाहती। गरीबों, मेहनतकशों को भूखों मरने का चाक चौबंद इंतज़ाम है यह। तानाशाही की इंतहा। समझा करो मेरे भाई। कोरोना लॉक डाउन से टलेगा नहीं, तेज़ी से गैस की तरह फैल रहा है। मंदिरों को अस्पताल बनाने का वक्त है यह। अंध भक्त की तरह विज्ञान विरोधी बातें न करो।
लॉक डाउन और रामायण नहीं, जांच, इलाज, आइसोलेशन और वेंटिलेशन से ही कोरोना का इलाज मुकाबला कर रही है दुनिया, जो भारत सरकार नहीं कर सकती। इसीलिए लॉक डाउन। अमानवीय तानाशाही।
The decision to lock down is more dangerous than Corona
सत्ता को गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, युवाजनों, बच्चों बुजुर्गों की कोई परवाह नहीं। लॉक डाउन का फैसला कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। लाखों लोग अब कोरोना से नहीं, भूख और बेरोजगारी की वजह से मरेंगे। यही रामराज्य है। जयश्री राम।
रामायण देखने से रोज़ी रोटी का उसी तरह इंतज़ाम होगा जैसे अस्पताल और सिडकुल बन्द करके, कल कारखाना बन्द करके गांव-गांव नरक बनाने से देश का बेड़ा गर्क हुआ है।
पलाश विश्वास
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