/hastakshep-prod/media/post_banners/eS7VkiRBfZp6jWr3wDlg.jpg)
सरकारी फरमान है बाहर मत जाइएगा | Official decree is not to go out
_____________________________
भाइयों देखो ये 21 दिन का कर्फ्यू है
आप जरा संभल कर रहिएगा
घर में पानी जरा कम गिराइएगा,
और खाने में नमक थोड़ा कम खाईएगा।
पर बाहर मत जाइएगा
काली चाय बनाई जा सकती है
इसलिए दूध जरूरी नहीं
आटे में नमक डाल कर
रोटी भी खाई जा सकती है।
चावल की पीछ मे छोंक से
एक वक्त की सब्जी चलाईएगा।।
पर बाहर मत जाइएगा
अब तो समझो सयुंक्त परिवार
का महत्व जिन्हें तुम कब का भूल चुके हो
पूरा कुन्बा एक ही चूल्हे पर खाना पकाएगा
साझी लकड़ी जलाएँ और साथ बैठ खाइएगा।।
ऐसे ही करके परिवार
और समाज में बरकत आती है
चावल की किन्नी, तेल की कुप्पी
इस तरह कुछ ज़्यादा दिन चलाइएगा।।
पर बाहर मत जाइएगा
दादी या अम्मा की दवाई ख़त्म हुई
तो क्या गर्म पानी में हल्दी घोलने के
पिलाने से उनको आराम आएगा।
दादा या अब्बा के दुखते घुटनों में
थोड़ा सा गुनगुना घी जरूर लगाइएगा।।
गर बच्चे बाहर खेलने की ज़िद करें तो
बॉलकनी में ही कंधे पर घुमा आइएगा।।
पर बाहर मत जाइएगा
खिडकी में से झांकते दूर पड़ोसी से
कभी- कभी उसके हाल लेते रहना।
कुछ कमजोर दिल के भी होते हैं,
उन्हें भी थोड़े दिलासे देते रहना।
उधार सामान लेने देने में अब
किसी से कोई शर्म नहीं है,
इस महामारी की दहशत में
अपने वतन में अमन लौटाते लाइएगा।
पर बाहर मत जाइएगा
किसी की मदद के वास्ते अगर
जाना पड़े तो रास्ते पर पुलिस पूछे तो
उन्हें सम्मान देकर परेशानी जरूर बताना।
आधार, वोटर, लाईसेंस सब जेब में
खुद की हिफाज़त में रखिएगा ।
पर बाहर मत जाइएगा
अभी तो मुझे आपके साथ जिंदगी के
कई और नसीहतें हैं जो तुम्हें सिखानी है
अरे ये तो 21 दिन की ही बात है,
हमको और आपको कौन सी
पूरी जिंदगी इस कर्फ्यू में बितानी है..
इसी बहाने संयुक्त परिवार को समझिएगा
पर बाहर मत जाइएगा।
अमित सिंह शिवभक्त नंदी
/hastakshep-prod/media/post_attachments/vWq1AseNTlM3yGew0Fmz.jpg)