अखिलेश क्या उन लफंगों को अपने से दूर करेंगे जो उनके पिता को गालियां दे रहे !!!
अरविंद विद्रोही
आज डॉ. लोहिया के विचारों का सबसे बड़ा ध्वजवाहक अंतर्मन की पीड़ा और ह्रदय पर किये गए कुठाराघात से द्रवित है। जिसका नाम संघर्ष का परिचायक है जिसने जीवन में कभी हार नही मानी विगत दिनों उसकी पीठ में खंजर भोंक कर परास्त करने का कुत्सित प्रयास किया गया।
नेता जी का आशीर्वाद है, नेता जी का सम्मान है, नेता जी आएंगे के मिथ्या कथनों के मध्य जो भौंडा प्रदर्शन स्व. जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रदर्शित किया गया उससे समाजवादियों समेत पूरे प्रदेश -देश के आम जनमानस को मानसिक कष्ट हुआ है।
सत्ता की प्राप्ति हेतु धरतीपुत्र जननायक श्री मुलायम सिंह यादव को असंवैधानिक तरीके से पदच्युत करने की घोषणा करना, मा. नेता जी की हैसियत पर सवाल करना, उनकी उपेक्षा करना हम जैसों के ह्रदय में ज्वाला भड़का चुका है।
नेता जी की हैसियत और रुतबे पर कुटिल चेहरे वाले कुत्सित प्रवृति के व्यक्ति ने प्रश्न चिन्ह लगाया था। दोस्तों --- मैं व्यक्तिगत रूप से आभारी हूँ उन सभी मित्रों मित्राणियों का जिन्होंने मेरी आवाज मेरी कलम के निकले शब्द को अपना सहयोग दिया और हमारी प्रतिक्रिया का ही परिणाम है कि इनकी घिग्घी बंधी और सुर बदलते हुए नेता जी के प्रति सम्मानित शब्दों का प्रयोग उस कुत्सित व्यक्ति ने करना शुरू किया।
हाँ ... एक सर्वाधिक मगरूर व्यक्ति है जिसके बोल अभी तक मा नेता जी के प्रति रूखे, तल्खी भरे और अपमानजनक हैं।
काश नेता जी के पुत्र श्री अखिलेश यादव मुख्यमंत्री उप्र इस तथ्य का संज्ञान लेते हैं और उनको चेताते कि खबरदार ....रिश्ते में आप हमारे जो भी लगते हो लेकिन नेता जी मेरे आदरणीय पिता हैं ..मेरे जन्मदाता ..न सिर्फ जन्मदाता बल्कि मेरे राजनैतिक जीवन, कद, पहचान और प्रतिष्ठा के भी जन्मदाता निर्माता और सृजनकर्ता .... ओह ....मैं यह क्या उम्मीद लगा बैठा हूँ ?? लेकिन मुझे अँधेरे बियावान वन में रोशनी की उम्मीद है .....
मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता श्री मुलायम सिंह यादव के प्रति तल्ख और अपमानजनक, उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाले शब्दों - वक्तव्यों का प्रयोग करने वाले विद्वान् की जुबान पर लगाम लगाएंगे।
यह उम्मीद है मुझे एक पुत्र से जिसने सार्वजानिक रूप से वक्तव्य दिया है कि मैं नेता जी और पार्टी के हित के लिए कोई भी कदम उठाऊंगा। तो आओ और याद करो अपना कथन ...मत विस्मृत करो कि पुत्र हो और कैसे भुला सकते हो ?
हम जैसे समाजवादी जो नेता जी के पुत्र तो नही हैं लेकिन हाँ आदरणीय नेता जी हमारे पितृ तुल्य ही तो हैं, हम यह कदापि नही होने देना चाहते कि आप एक पुत्र के दायित्व निर्वाहन की कटौसी पर खरे न उतरिये।
देखिये वतव्यों की फुटेज, देखिये कैसे आप के इर्द गिर्द जमा खुद को दिग्गज नेता समझने वालों ने आपके पिता और धरतीपुत्र श्री मुलायम सिंह यादव के शान में गुस्ताखी की है।
देखिये, सुनिए, समझिये और सोच समझकर अगर आपको किंचित भी अहसास हो कि मेरी लिखत मिथ्या है तो कहियेगा,मुझे धिक्कारियेगा ...मुख्यमंत्री हैं आप ..कार्यवाही करियेगा मेरे विरुद्ध ....
लेकिन पुनः अनुरोध है अगर आपके पिता की शान में गुस्ताखी हुई है इन लोगों के द्वारा तो हटाइये इनको खुद से दूर और फिर देखिये कैसे आपके पिता के विशाल ह्रदय से आपके लिए प्रेम के झरने फूटते हैं और कैसे असल समाजवादी पुनः नेता जी के निर्देश पर आपके लिए कार्य करते हैं।
यह एक उम्मीद की लिखत है ...लिखना कुछ और था आज परंतु आज मेरा ह्रदय सार्वजानिक संवाद आपसे करने को कर गया सो लिख दिया। माँ सरस्वती की असीम कृपा का ही परिणाम है कि अपने ह्रदय के भावों को शब्द दे लेता हूँ।
एक डोर है जो असंख्य लोगों को आपसे जोड़े है और वो डोर हैं सिर्फ नेता जी। यह डोर मुख्यमंत्री जी आपसे छूट रही है दरअसल आपने खुद छोड़ दी है .....नेता जी के नाम, काम और आशीर्वाद के बगैर क्या हासिल होगा ??? कोई बताएगा ???
और हाँ .... समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी ही है।