हाथ में कूँड़ी बगल में सोटा, चारों दिसा जागीरी में।
आखिर ये तन खाक मिलेगा, कहां फिरत मगरूरी में ॥
बीएसई सेंसेक्स 854.86 (-3.07%) पॉइंट की गिरावट के साथ 26,987.46 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 251.05 (-3.00%) पॉइंट की गिरावट रही। निफ्टी 8,127.35 पर बंद हुआ। बाजार की इस बड़ी गिरावट ने छोटे, बड़े सभी निवेशकों में हड़कंप मचा दिया है।
इस बीच 5 सालों में पहली बार तेल का मूल्य 50 डॉलर से नीचे पहुंच गया है। करीब 6 महीनों से तेल की कीमत में गिरावट का सिलसिला जारी है इससे आर्थिक मंदी के संकट का डर सताने लगा है। तेल की कीमतों में गिरावट के कारण न सिर्फ एनर्जी स्टॉकों बल्कि समूचे स्टॉक मार्केट में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है।
दुनिया भर के बाजारों में अफरातफरी मची है। सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर उद्योगपतियों के हाथों को मजबूत करने के लिए वर्तमान केंद्र सरकार पूरी तरीके से प्रयासरत है।
बीमा, बैंक रेल, डाक, स्टील के कारखानों सहित जहाँ भी सरकार के पास अपना कुछ है उसको हर संभव तरीके से किसी न किसी उद्योगपति को देने की तैयारियों पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
कुछ वर्षों पूर्व यूरोप से लेकर अमेरिका तक आर्थिक मंदी का शिकार हुए थे, उस समय भारत में सार्वजानिक क्षेत्र की वजह से आर्थिक मंदी का असर मामूली ही आया था लेकिन इस बार कॉर्पोरेट सेक्टर की प्रिय सरकार इन क्षेत्रों के अतिरिक्त किसानों की या जनता के पास जमीन नाम की जो चीज है, उसको छीनने के लिए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाया जा चुका है और उद्योगपतियों के काले धन से देश के निवासियों के पास जो जमीनें मकान, दुकान है उसको छीनने के एक कानूनी तरीका भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के माध्यम से किया जाना शुरू हो गया है। जनता से यह कहा जायेगा कि आपकी जमीन और मकान के ऊपर अदानी साहब रेशमी रुमाल का कारखाना लगाने वाले हैं इसलिए यह रुपया लो, मकान व जमीन छोड़ दो अन्यथा पुलिस और पीएसी की बन्दूकें कानून व्यवस्था के नाम पर तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का वध कर देंगी।
नागपुर मुख्यालय एक धार्मिक राष्ट्र बनाने का नारा देकर सम्पूर्ण नागरिकों को यह सिखाना चाहता है कि “आखिर ये तन खाक मिलेगा, कहां फिरत मगरूरी में” यही उसका हिन्दुत्व है। आम जनता को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने के लिए नागपुर मुख्यालय प्रयत्नशील रहा है और इसके लिए वह घृणा-द्वेष का व्यापार कर रहा है।
रणधीर सिंह सुमन