दिनेश शाक्य
राष्ट्रीय पर्वों पर अब राष्ट्रीय ध्वज का फहराया जाना सिर्फ औचारिकता भर रह गया है देश की शान तिरंगा झण्डा सीधा फहराया जा रहा है या फिर उल्टा इससे किसी भी सरकारी अफसर को कोई मतलब नही रह गया है तभी तो उत्तर प्रदेश के इटावा मुख्यालय पर मेडिकल केयर यूनिट भवन पर तिरंगे को उल्टे फहरा कर इतिश्री कर ली गयी। पढ़े लिखे इंसानों की ओर से की गयी तिरंगे के अपमान को लेकर की चूक पर बन्दर ने अपना गुस्सा जता कर तिरंगे को फाड़ डाला।
हर सरकारी कार्यालय पर तिरंगो को फहराये जाने के क्रम मे इटावा मुख्यालय पर स्थित स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल केयर यूनिट भवन पर आज सुबह करीब 8 बजे तिरंगे को फहराया गया और तिरंगों को फहराये जाने के बाद सभी अधिकारी और कर्मी मजे से चले गये लेकिन तिरंगे का कोई भी रखवाला केयर यूनिट में नहीं रह गया।
इसके बाद जो हुआ उसे कैमरे मे वखूबी कैद किया। एक बंदर केयर यूनिट भवन पर चढ कर उल्टे फहराये गये तिरंगे को पहले तो हाथ से पकड़ करके देखता है उसके बाद उसे तार तार करके चलता बनता है।
राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहरा कर सरकारी अफसरो ने जो अपमान किया वो एक बंदर को भी रास नहीं आया इसलिये उसने इंसानो को सबक सिखाने के लिये ध्वज को ही फाड़ना मुनासिब समझा है।
सरकारी व्यवस्था के अनुसार सुबह झण्डारोहण के बाद देर शाम तक ध्वज की रखवाली करने की भी जिम्मेदारी विभागीय कर्मियों की ही रहती है लेकिन ध्वज सुरिक्षत कैसे रह सकता है जब कोई सरकारी कर्मी मौके पर रहेगा तब ना।
देश के राष्ट्रीय घ्वज के अपमान को लेकर इलाकाई लोग खासे नाखुश नजर आ रहे हैं उन्होंने इस अपमान को लेकर सरकारी कर्मियो और अफसरो के खिलाफ कार्यवाही की माँग की है।
इटावा मे उल्टा राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने को लेकर बहुतेरे लोग मेडिकल केयर यूनिट के सामने हालात देखने के लिये आ गये। इटावा व्यापार मण्डल ईकाई के अध्यक्ष अनन्त प्रताप अग्रवाल का कहना है कि यह देश के साथ खुला मजाक है सरकारी अफसरों ने स्वतंत्रता दिवस जैसे देशप्रेम भरे पर्व को सिर्फ औचारिकता भर समझ करके देश प्रेम की सही भावनाओ को निर्भाह नही किया है ऐसे अफसरो के खिलाफ ना केवल कार्यवाही अमल मे पाई जाये बल्कि ऐसी कार्यवाही की जाये ताकि भविष्य मे कोई दूसरा अफसर देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ ना कर सके। वही दूसरी ओर अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी के सदस्य श्रीमती सलमा बेगम का कहना है कि राष्ट्रीय का ऐसा अपमान इससे पहले ना तो देखा गया और ना ही सुना गया है। हकीकत में मौके पर देखने पर ऐसा लग रहा है कि मेडिकल केयर यूनिट के अफसरों ने पहले तो देश के तिरंगे को उल्टा फहरा कर उसका अपमान किया फिर इन अफसरो पर गुस्सा खाकर एक बन्दर ने अफसरो को सबक सिखाने की गरज से ध्वज को ही फाड़ डाला।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि यह कैसे पढ़े लिखे अफसर रहे जो देश के तिरंगे मे अन्तर नही पा सके कि वो सीधा है फिर उल्टा।