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दलित भूमिहीनों पर भागलपुर में पुलिसिया दमन, बेनकाब हो गया नितीश का सामाजिक न्याय का ढोंग

Police repression on Dalit landless in Bhagalpur, Nitish's pretence of social justice has been exposed. Police repression of Dalit landless in Bhagalpur at the behest of Nitish - Rihai Manch.

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hastakshep
16 Dec 2016 | एडिट 05 May 2023
दलित भूमिहीनों पर भागलपुर में पुलिसिया दमन, बेनकाब हो गया नितीश का सामाजिक न्याय का ढोंग

दलित भूमिहीनों पर भागलपुर में पुलिसिया दमन, बेनकाब हो गया नितीश का सामाजिक न्याय का ढोंग- रिहाई मंच

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लखनऊ 10 दिसम्बर 2016। रिहाई मंच ने बिहार के भागलपुर में भूमिहीन दलितों और महादलितों के धरने पर हुए पुलिसिया हमले के लिए नितीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

मंच ने कहा कि इस घटना की आड़ में आंदोलनरत नेताओं का सरकार द्वारा दमन तत्काल बंद किया जाए और भूमि के वाजिब सवाल को प्राथमिक रूप से हल किया जाए तथा दोषी जिला अधिकारी व पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए।

दलित भूमिहीनों पर भागलपुर में पुलिसिया दमन नितीश के इशारे पर

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’भागलपुर- राष्ट्रीय शर्म के 25 साल’ के लेखक और रिहाई मंच नेता शरद जायसवाल ने कहा कि जमीन के सवाल को लेकर निरीह भूमिहीन जनता पर जो पुलिसिया दमन भागलपुर में हुआ है, वह नितीश कुमार के सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता को ’नंगा’ कर देता है। जिस तरह से बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों पर लाठी चार्ज किया गया, वह साफ करता है कि नितीश सरकार जमीन के सवाल को हल करने से ज्यादा सवाल को दबाने में सक्रिय है।

अब तक कब्जे क्यों नहीं दिए

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि भूमिहीन दलितों के आवास की गारंटी, भूमिहीनों को जो दशकों पहले परचा दिया गया था- उस पर कब्जा दिलाने की मांग तथा सरकारी व भूदान की जमीनों से दबंगों व सामंतों के कब्जे से मुक्त कराने की मांग समेत डीडी बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिशों को लागू कराने की मांग अगर आज बिहार का दलित, महादलित कर रहा है तो नितीश कुमार की एक दशक से अधिक समय से बिहार पर काबिज सरकार क्या कर रही थी? उन्हें अब तक कब्जे क्यों नहीं दिए गए।

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दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तत्काल दलित महादलित के सवाल को हल करे नितीश सरकार

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि पिछले दिनों बिहार दौरे के वक्त भागलपुर में दर्जनों दलित परिवारों से मुलाकात हुई, जो साठ के दशक का परचा दिखा कर बता रहे थे कि उनको जमीन पर वास्तविक मालिकाना हक आज तक नहीं मिला। ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले दो दशकों से अधिक समय से बिहार पर काबिज और अपने को सामाजिक न्याय का अलंबरदार कहने वाले लालू-नीतीश ने उनसे वोट लेने के अलावा उन्हें क्या दिया?

उन्होंने कहा कि पूरी देश-दुनिया में पलायन के लिए जाना जाने वाला बिहार के भागलपुर में दलित माँ बहनों पर हुए लाठी चार्ज ने साबित किया कि इन वंचित तबकों के लिए बिहार में कुछ नहीं है। पलायन ही उनकी जीवन-गाथा है।

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