दहशतगर्दी रोक नहीं सकी रवींद्र संगीत लेकिन चुनावी हिंसा का सिलसिला जारी है
बजरंगी ब्रिगेड के साथ कैंपस में हंगामा बरसाने वाली देवश्री ने सीधे कह दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और यादवपुर विश्वविद्यालय की आजादी हम नहीं मानते और इन राष्ट्रविरोधियों से छेड़खानी भी जायज है।
सत्ता ने समर्थकों और संगठनों से मांग लिया मुचलका क्योंकि हार का खतरा भारी है और आपस में मारामारी है।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
कोलकाता (हस्तक्षेप)। सत्ता ने समर्थकों और संगठनों से मांग लिया मुचलका क्योंकि हार का खतरा भारी है और आपस में मारामारी है। सत्ता समर्थक संगठन को जारी मुचलाका देने के आदेश की एक फोटोकापी के साथ आनंदबाजार पत्रिका में यह खबर विस्तार से छापी गयी है कि सत्ता पक्ष को अब किसी का भरोसा नहीं है। वैसे भी दीदी पुलिस की अतिसक्रियता से नाराज हैं और चुनाव जीतने के बाद इंच इंच देख लेने का ऐलान बार बार करती रही हैं और उनके अनमोल बोल के रिकार्ड चुनाव आयोग तक पहुंच भी चुके हैं। लेकिन सत्ता पक्ष से नत्थी संगठनों से मुचलका मांगने का यह कदम हैरतअंगेज है।
अब भी माना जा रहा है कि दीदी ही नई सरकार बनायेंगी और उत्तर बंगाल में बढ़त के बावजूद दीदी कांटे की लड़ाई जीत कर दिखा सकती है। भवानीपुर में भी उनकी जीत विपक्ष का वोट केसरिया सुनामी की बदौलत बिखर जाने से तय मानी जा रही है। समूचे दक्षिण बंगाल में यह केसरिया सुनामी दीदी के हक में मानी जा रही है। फिरभी हार का भय खूब सताने लगा है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2 मई को ही भरोसा जताया था कि उनकी पार्टी ”बहुमत” का आंकड़ा हासिल कर चुकी है। तब उन्होंने राज्य में तैनात केन्द्रीय बलों पर मतदाताओं से ”दुर्व्यवहार” करने का आरोप लगाया। फिर दीदी ने कूचबिहार जिले में अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा, ”चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और तृणमूल कांग्रेस आराम से बहुमत हासिल कर चुकी है। हम (तृणमूल) अगली सरकार बनाएंगे। लेकिन मैं (नौ विधानसभा क्षेत्रों वाले) कूचबिहार जिले से सीटें चाहती हूं। ”
अब हालत यह है कि कूचबिहार में फिरभी तीन सीटों की उम्मीद है और समूचे उत्तर बंगाल में दीदी का सूपड़ा साफ है और मुसलमानों का एकतरफा वोट नहीं मिला तो दक्षिण बंगाल से बहुमत हासिल करना बेहद मुश्किल है।
दहशतगर्दी रोक नहीं सकी रवींद्र संगीत लेकिन चुनावी हिंसा का सिलसिला जारी है और हमले एक तरफा हो रहे हैं , ऐसा भी नहीं है। कांग्रेस , वामदलों और तृणमूल कांग्रेस पर हमला और हिंसा के आरोप लग रहे हैं। इसी बीच यादवपुर विश्वविद्यालय पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाने वाली भाजपा ने सोमवार को जबावी जुलूस निकालने का ऐलान कर दिया है जबकि राज्यपाल के जबावतलब के बाद उपकुलपति ने उन्हें जबाव भी दे दिया है।
विश्वविद्यालय में अभी परीक्षाएं चल रही हैं और वहां बार-बार धावा जारी रखने, विश्वविद्यालय को अराजकता का केंद्र कहकर राज्यपाल के जवाब तलब और भाजपा के राष्ट्रद्रोह के आरोप के बावजूद मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री खामोश हैं।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थी परिषद के चार कार्यकर्ताओं के खिलाफ छात्राओं से छेड़खानी के आरोप में थाने में एफआईआर दर्ज करा दिया है और छात्र उनकी गिरफ्तारी की मांग पर डटे हुए हैं। यादवपुर पर बाहरी तत्वों के बजरंगी ब्रिगेड की सिपाहसालार रूपा गांगुली ने इस आरोप को बकवास कहकर खारिज किया है तो भाजपा नेता देवश्री चौधरी के ताजा मंतव्य ने आग में घी डाल दिया है।
बजरंगी ब्रिगेड के साथ कैंपस में हंगामा बरसाने वाली देवश्री ने सीधे कह दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और यादवपुर विश्वविद्यालय की आजादी हम नहीं मानते और इन राष्ट्रविरोधियों से छेड़खानी भी जायज है।
आज रवींद्र जयंती के कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पक्ष विपक्ष के तमाम राजनेता कलाकारों की तरह बिजी रहे तो भूत बिरादरी का तमाशा भी चुनाव निबटने के बावजूद जारी रहा।
जिलों में बमबाजी, गोलीबारी और आगजनी का सिलसिला जारी है और सत्तादल के प्रतिद्वंद्वी गुटों में भी भारी मारामारी है। सत्ता को डर है कि उत्तर बंगाल में सूपड़ा साफ हो जाने के बाद मुसलमानों का सारा वोट एकतरफा नहीं मिला तो न जाने क्या होगा।
इसके बावजूद पूरा बंगाल रवींद्र मय है तो यादवपुर विश्वविद्यालय पर बजगरंगी हमले के खिलाफ बंगाल के केसरियाकरण के खिलाफ छात्रों और युवाओं के मोर्चे ने सियासती लड़ाई बेमतलब कर दी है क्योंकि कोई भी जीते या हारे, बंगाल में राबिंद्रिक संस्कृति की भावभूमि में हिंदुत्व के रंगभेदी तंत्रमंत्र के किलाफ जंग जारी है।
पिछले दो दिनों से बंगाल में तापमान गिरा है और हवा में नमी की मात्रा कम होने से दमघोंटू असहज मौसम में तनिक बदलाव आया है। कोलकाता में बारिश से राहत है तो जिलों में भी बारिश हो जाने से लोग राहत की सांस लेने जा रहे हैं। इसीके मध्य राजनीतिक सरगर्मी तेज है।
रवींद्र जयंती पर रवींद्र संगीत के बजाय ढाक और नगाड़े के साथ पीठ की खाल उतार लने की धमकी की केंद्रीय वाहिनी, पुलिस और चुनाव आयोग के एहतियाती बंदोबस्त की वजह सै जैसे आम जनता ने खास परवाह नहीं की और आखिरी चरण में भी भूतों के छिटपुट नाट के बावजूद 84 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ है, उससे सारे समीकरण फेल हैं और लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि हो क्या रहा है।
एकतरफा वोट न होने की वजह से कांटे की टक्कर में नतीजा कुछ भी संभव है और सत्ता पक्ष को उत्तर बंगाल, बीरभूम, मालदा और मुर्शिदाबाद में दस सीटें भी मिलने की उम्मीद न होने और मुसलमान वोटबैंक दीदी मोदी गठबंधन से टूटने के खतरे की वजह से भारी असंमंजस की स्थिति है और सत्ता को भीतरी सेंध और दगा का खतरा इतना सता रहा है कि सत्तादल से संबंधित संगठनों और लोगों से बाकायदा मुचलका मांगा जा रहा है कि उनने सत्ता के पक्ष में ही वोट डाले हैं।
बदलते हालात में हालीशहर में जिस दूध पीती बच्ची की पिटाई से दहशत का माहौल पैदा करके बेटे को जिताने की हरकत की बाहुबलियों ने उस घर के दरवाजे पर दस्तक दे दी पूर्व रेलवे मंत्री मुकुल रायने और वादा भी किया कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। इस नरमी के बावजूद सियासत की गर्मी थमी नहीं है।
हारने की हालत में कौन साथ रहेगा और कौन जीतनेवालों के साथ हो जायेगा, सत्ता पक्ष को यह सरदर्द खाये जा रहा है तो वामदलों और कांग्रेस की तैयारी गठबंधन सरकार के लिए तेज है और माकपा मुख्यालय में नई सरकार बनाने की तैयारियां तेज हैं।
दूसरी तरफ, केरल चुनावों में वामदलों के कांग्रेस के साथ सीधा मुकाबाला की स्थिति में बंगाल का फेवीकोल गठबंधन कितना स्थाई होगा, इसकी भी अग्निपरीक्षा है।
इसी बीच उत्तर 24 परगना के शिल्पांचल बैरक पुर में पानपाड़ा में सुब्रत मुखर्जी के घर पर रवींद्र जयंती की पूर्व संध्या पर बमबाजी हुई। कांच टूटे हैं लेकिन जखमी कोई नहीं हुआ। टीटागढ़ पुलिस तहकीकात कर रही है और आरोप सत्तादल के बाहुबलियों के खिलाफ हैं
इसीतरह दक्षिण 24 परगना के बारूइपुर में माकपा कार्यकर्ता के घर में कुछ अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। जनता का आरोप है कि इसमें तृणमूल कांग्रेस का हाथ है। यह घटना बारूइपुर थाना के नवग्राम में घटी। पीड़ित माकपा समर्थक का नाम शुकदेव पैलान है। वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को माकपा का आपसी विवाद बताया है। बहरहाल बारूइपुर थाने की पुलिस घटना की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि तृणमूल पंचायत समिति प्रधान के पति ने दक्षिण 24 परगना के कुलतली स्थित आमतला अस्पताल में दो डाक्टरों की धुनाई कर दी थी। उस घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया था। लेकिन आगलगी की घटना में किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से इलाके में रोष है।
अनुव्रत के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें, उनके ठीक बाद दीदी के नाम शिकायतें 😆
राज्य विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक शिकायतें तृणमूल नेता अनुव्रत मंडल के खिलाफ मिली हैं। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम है। किसी मुख्यमंत्री के नाम शिकायतों का यह भी रिकार्ड है।
अनुव्रत मंडल के खिलाफ शिकायतों के आधार पर एफआइआर, शोकॉज और यहां तक कि नजरबंद भी किया गया। हालांकि मुख्यमंत्री के खिलाफ केवल शोकॉज ही चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया। हालांकि मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री के खिलाफ जितनी भी शिकायतें मिली हैं उन्हें दिल्ली भेजा गया है।
शिकायतों के नजरिये से बंगाल का नाम सबसे ऊपर 😈
समाधान एप्प में अभी तक 54 हजार 500 शिकायतें मिली हैं। इसमें से माकपा ने 21240, कांग्रेस ने 1899, भाजपा ने 1733, तृणमूल ने 4775 शिकायतें की हैं। वर्ष 2015 में बिहार में पहली बार समाधान एप्प चालू किया गया था। वहां कुल करीब 12000 शिकायतें मिलीं । बंगाल उससे आगे निकल गया है।