देश की पहली टाइप-2 मधुमेहरोधी आयुर्वेदिक दवा लाँच
नई दिल्ली। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने बुधवार को देश की पहली टाइप-2 मधुमेहरोधी आयुर्वेदिक दवा लाँच की, जिसे वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और प्रभावी बताया गया है। बीजीआर-34 को राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) और औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए केंद्रीय संस्थान (सीआईएमएपी) ने साथ मिलकर विकसित किया है। यह दोनों सीएसआईआर की शोध इकाई है और लखनऊ में स्थित हैx।
प्रतिष्ठित समाचारपत्र देशबन्धु की एक खबर के मुताबिक इस दवाई की लाँचिंग के अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ए.के.एस. रावत ने कहा कि भारत की 6 करोड़ आबादी मधुमेह से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चिकित्सक टाईप-2 श्रेणी के मधुमेह से पीड़ित अपने मरीजों को तुरंत और प्रभावी राहत के लिए बीजीआर-34 दवा की सिफारिश करेंगे।
इस दवा के अनुसंधान में एनबीआरआई और सीआईएमएपी के वैज्ञानिकों ने 500 से ज्यादा जानेमाने जड़ी-बूटियों का गहराई से अध्ययन किया और उसमें से 6 प्रमुख जड़ी-बूटी का चुनाव किया जिसका उल्लेख आयुर्वेद में भी है। इसी के मिश्रण से इस नई दवाई को विकसित किया गया है।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक वी. राव ने कहा कि बीजीआर-34 एक अनूठा उत्पाद है जो मधुमेह पीड़ितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस उत्पाद को काफी अनुसंधान के बाद निर्मित किया गया है।
देशबन्धु की खबर के मुताबिक इस दवा के व्यावसायिक उत्पादन और वितरण के लिए इसके अधिकार एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स (आई) लिमिटेड को दिए गए हैं,जो अपने क्वालिटी उत्पादों के लिए जानी जाती है। एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स के कार्यकारी निदेशक के. के. शर्मा ने बताया कि उन्हें खुशी है कि वे इतनी प्रतिष्ठित संस्था के साथ मिलकर इस दवा का फायदा लोगों तक पहुंचाएंगे।
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