नई दिल्ली। एक दिन पहले ही न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम को संसद् से समाप्त कराने में सफलता पाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संकेत दिया है कि अब योजना आयोग भी समाप्त कर दिया जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस की 68वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। बतौर प्रधानमंत्री यह उनका पहला भाषण था, जिसे उन्होंने असली लाल किले से दिया। इससे पहले उन्होंने गुजरात के भुज के लालन कालेज से जनसमूह को संबोधित किया था, जिसने काफी सुखियां भी बटोरी थीं। मोदी ने पहली बार बिना लिखा भाषण दिया, और वो भी बिना बुलेट प्रूफ बॉक्स में खड़े हुए। लगभग एक घंटे के अपने भाषण में मोदी ने देश को स्वतत्रंता दिवस की शुभकामनाएं देने के साथ कई संकल्प भी दिलाएं। उन्होंने कहा कि आज 15 अगस्त को देश के लिए कुछ करने का संकल्प लेने का दिन है। अगर आप 12 घंटे काम करेंगे, तो मैं 13 घंटे करूँगा। आप 14 घंटे काम करेंगे तो मैं 15 घंटे करूँगा क्योंकि मैं आपका प्रधानमंत्री नहीं प्रधान सेवक हूं।
सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! जय हिन्द ।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2014
श्री मोदी ने कहा, आज किसी भी काम कराने के लिए किसी के पास जाइए तो वो पहला सवाल यही पूछता है, इससे मुझे क्या फायदा होगा, इसके होने से मेरा क्या फायदा ? इस सोच को गलत ठहराते हुए मोदी ने कहा कि हमें इस सोच से आगे बढ़कर यह सोचना होगा कि हमारे कुछ करने से किसी को फायदा होना चाहिए।
At Raj Ghat, paying homage to Gandhi ji pic.twitter.com/NIyEVxctaj — Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2014
मोदी के भाषण के मुख्य बिंदु
कम एंड मेक इन इंडिया – विश्व के बाकी देशों को भारत में आकर काम करने का निमंत्रण देते हुए मोदी ने कहा, विश्व के सभी देश भारत आकर काम करें। हम मिलकर काम करेंगे और बेहतर विश्व के निर्माण की तरफ आगे बढ़ेंगे।
सांसद आदर्श ग्राम योजना – सांसद ग्राम योजना के जरिए प्रधानमंत्री ने देश के सांसदों से अपनी पसंद का एक गाँव चुनकर उसे आदर्श गाँव बनाए जाने की अपील की। उन्होंने कहा, प्रत्येक सांसद एक गाँव को 2016 तक आदर्श गाँव बनाने के लिए काम करे और 2019 तक 2 गाँवों को आदर्श गाँव बनाने का सराहनीय काम करने के बाद चुनावों में पहुँचे।
प्रधानमंत्री जन धन योजना – लाल किले की प्राचीर से मोदी ने प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू करने की बात कही। मोदी ने कहा, इस योजना के जरिए देश के सभी गरीब लोगों का बैंक अंकाउट खोला जाएगा। इसके साथ ही अकाउंट खोलने वालों के लिए एक लाख रुपये का बीमा भी किया जाएगा। जिसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
ई-गवर्नेंस, ईजी गवर्नेंस- प्रधानमंत्री ने अपने पहले से ई-गवर्नेंस के नारे में नए शब्द जोड़ते हुए कहा कि अब हमें ई-गवर्नेंस की तरह ईजी गवर्नेंस पर काम करना होगा। ई-गवर्नेंस के माध्यम से गुड गवर्नेंस हासिल की जा सकती है। हम टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं।
सपने वो भी डिजिटल इंडिया के ! – प्रधानमंत्री ने कहा, हमें डिजिटल इंडिया का सपना देखना चाहिए। देश के दूर-दराज गाँवों में भी डिस्टेंस एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, मोबाइल से ज्यादातर काम करें। अगर हमें यह करना है तो हमें डिजिटल इंडिया की तरफ आगे बढ़ना होगा। डिजिटल इंडिया से हम देश के खजाने को भर सकते हैं।
जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट- निर्माण क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, हमें बेहतर निर्माण इस फॉर्मूले के साथ करना है कि हमारे देश में जिस उत्पाद का निर्माण हुआ हो उसमें कोई कमी न हो। निर्माण से किसी को कोई नुकसान नहीं हो। हमें निर्माण में गुणवत्ता भी बनाए रखनी होगी।
खत्म होगा योजना आयोग – मोदी ने कहा, देश में ऐसी व्यवस्था का विकास करना मेरा सपना होगा, जिसके बाद योजना आयोग की जरूरत नहीं रह जाएगी। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मोदी ने कहा, हम बहुत जल्दी देश में योजना आयोग की जगह नई सोच और नए विश्वास के साथ नई संस्था का निर्माण करेंगे।
बेटियों के लिए स्कूलों में शौचालय – चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी की जनसभा में मोदी ने स्कूल में छात्राओं के लिए अलग शौचालय का मुद्दा उठाया था। लाल किले से भी मोदी उसे दोहराने से भूले नहीं। उन्होंने कहा, देश में महिलाओं को शौच के लिए बाहर खुले में जाना पड़ता है। इससे शर्मनाक कुछ नहीं है। हमारी कोशिश रहेगी कि स्कूल में छात्राओं के लिए अलग शौचालय का निर्माण किया जाए। मोदी ने कॉर्पोरेट सेक्टर से सीएसआर के जरिए इस काम में सहयोग करने की अपील की।
क्या बदला लालन कालेज से लाल किले तक ?
नरेंद्र मोदी ने विगत वर्ष गुजरात के भुज के लालन कॉलेज में तिरंगा फहराकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लाल किले के भाषण को चुनौती दी थी – लालन कालेज से मोदी के भाषण में ये बातें प्रमुख थीं।
– राष्ट्र बदलाव के लिए ‘‘बेचैन’’ है।
– आप एक बड़े देश पर राज कर रहे हैं, हम एक छोटे राज्य को संभाल रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री को दिल्ली में बैठी सरकार और हमारी सरकार के बीच विकास तथा बेहतर प्रशासन के मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं।
– राष्ट्रपति हमारे पांच सैनिकों के मारे जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री इसी प्रकार की चिंता जताएंगे लेकिन वह कड़ी बात करने में विफल रहे।
– मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि सर्वाधिक बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली हस्तियों में आपका नाम शामिल हो रहा है लेकिन आप वही बातें कर रहे हैं जो पंडित नेहरू ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कही थीं।
– सवाल यह उठता है कि आपने पिछले 60 साल में क्या किया। यदि हालात में मामूली सा बदलाव भी नहीं आया है तो आपने क्या किया है?
– श्रीमान प्रधानमंत्री, आपने देश की वर्तमान आर्थिक हालत का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव की बात की। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि रूपये की कीमत जिस तरह से गिर रही है, यह संकट की ओर जा रहा है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?
– सिंह कम से कम इतना तो कर सकते थे कि वे देश को बताते कि वह कैसे रूपये को मजबूत करेंगे और अर्थव्यवस्था में नयी जान डालने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। … इसके बजाय आप इसका ठीकरा वैश्विक आर्थिक मंदी के सिर पर फोड़ रहे हैं और कहते हैं कि भारत वैश्विक मंदी से अछूता नहीं रह सकता।
– भारतीय सैनिक मारे गए हैं और जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए कुछ उत्साहजनक बातें कही जानी चाहिए थीं। मैं नहीं समझता कि लाल किला पाकिस्तान को चुनौती देने के लिए उचित मंच है और न ही हमें इसमें समय बर्बाद करना चाहिए। लेकिन यह हमारे सैन्य बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए उचित मंच था। …. यह मेरी भावना है, उन्हें (प्रधानमंत्री) हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहिए था।
– एक तरफ राष्ट्रपतिजी कह रहे हैं कि हमारे संयम की सीमा है लेकिन राष्ट्रपति जी इस संयम की क्या सीमा है ? इसके लिए सीमा रेखा क्या है इसका फैसला केंद्र की सरकार को करना होगा।
– क्या कारण है कि हमें नहीं पता कि हमारी सीमा क्या है कब तक हम बर्दाश्त करते रहेंगे इसको साफ बताया जाना चाहिए.और यह केवल पाकिस्तान का सवाल नहीं है,आज राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में है।
– चीन ने क्या किया है? एक आजाद भारत में आज चीन घुस आता है और हमारी सीमा पर अवरोधक खड़े कर देता है वह हमारे क्षेत्र में आकर डट जाता है।
– भारत के राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कल अपने भाषण में इस पर अपने दुख का इजहार किया। बेहतर होता कि लालकिले से भी भ्रष्टाचार के बारे में कुछ बोला जाता।
– प्रधानमंत्री जी राष्ट्रपति जी की भावनाओं और चिंताओं का सम्मान करना आपका पहला अधिकार है लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ।
– हम भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध क्यों नहीं छेड़ सकते और बहनों भाइयों इस भ्रष्टाचार का जन्म कहाँ से हुआ है? क्या देश को यह जानने की जरूरत नहीं है?
– क्या देशवासी इस पर जवाब नहीं मांगेंगे? मैं राजनीतिक भाषा में बात नहीं करना चाहता लेकिन मैं कहना चाहता हूँ कि भ्रष्टाचार देश के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है यह हमारे देश का दर्द, और संताप है।
– पुराने जमाने के टेलीविजन धारावाहिकों में भाई भतीजावाद भ्रष्टाचार की मुख्य वजह होता था समय बदलने के साथ यह बदल गया है़ भ्रष्टाचार पर मामा और भांजे का नया धारावाहिक आया और अब यह सास, बहू और दामाद के सीरियल में परिवर्तित होने की ओर बढ़ रहा है।
– भ्रष्टाचार हमारे देश को नष्ट कर रहा है और जो देश पर राज कर रहे हैं, उनके परिवार आंकठ (भ्रष्टाचार में) डूबे हैं। जब तक उच्चतम न्यायालय उन्हें फटकार नहीं लगाता, वे लगातार चुप्पी साधे रहते हैं और इसमें जुटे रहते हैं।
– भाइयों और बहनों, राष्ट्रपतिजी का बयान हम सभी से आत्मावलोकन का आह्वान करता है और यह चिंता शीर्ष पर होनी चाहिए।
मोदी के भाषण पर त्वरित टिप्पणियाँ
मोदी का भाषण प्रभावशाली था, पहली बार समाज की भूमिका पर भी फोकस किया।
अंबरीश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार
बाकी प्रधानमंत्रियों और मोदी जी के भाषण में एकमात्र अंतर बस लिखे हुए भाषण और बिना लिखे हुए भाषण का है। — Manish Sisodia (@msisodia) August 15, 2014
बैंक एकाउंट खोलने से क्या गरीबों और अति गरीबों के खाते में कुबेर धनवर्षा करने लगेंगे ?जिस देश में हर योजना की लूट हो रही हो वहां गरीबों का बैंक खाता किस काम आएगा ?
प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी, मीडिया क्रिटिक व स्तंभकार
मोंटेक सिंह अहलुवालिया हमें पता था एक दिन तुम इसे (योजना आयोग) ले डूबोगे……
मनीष भारतीय, ट्रेड यूनियन लीडर
Theres nothing wrong in ppl praising PM Modi’s speech today but I felt it was an “election speech”: Salman Khurshid pic.twitter.com/gwzfMGdBCn
— ANI (@ANI_news) August 15, 2014
प्रधानमंत्री की बातों का असर वृंदावन के मंदिर मठों पर हो जाए तो एक साल के चढ़ावे के पैसे से शहर साफ़ हो जाए । होगा ?
— ravish kumar (@ravishndtv) August 15, 2014
Pak PM greets Modi on Independence Day http://t.co/AwrqLzKPIX pic.twitter.com/rQytkjGPkM
— Doordarshan News (@DDNewsLive) August 15, 2014