विश्व बैंक की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए राजनीतिक-सामाजिक संगठन।
सिंगरौली सामाजिक मंच ने किया विश्व बनाम बैंक कार्यक्रम का आयोजन।
सिंगरौली। विश्व बैंक के द्वारा दुनिया भर में जारी प्राकृतिक संसाधनों के लूट के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जारी दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन की श्रृंखला में सिंगरौली में भी रविवार को शाम 6 बजे से नवजीवन विहार पुनर्वास बस्ती में एक सामूहिक प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
सिंगरौली सामाजिक मंच की एकता ने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन में जिले भर के परिवर्तनकामी संगठन और कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम हेतु नवजीवन विहार पुनर्वास बस्ती का चयन इसलिए किया गया क्योंकि इस बस्ती में विश्व बैंक द्वारा सम्पोषित एन0टी0पी0सी0 परियोजना के द्वारा विस्थापित समुदाय निवासरत है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल जन संगठनों ने एक स्वर से कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा सिंगरौली समेत दुनिया भर में विकास के नाम पर संसाधनों की लूट को स्वीकार नहीं किया जायेगा। संगठनों ने यह कहा कि आज से तीन दशक पूर्व भारत सरकार ने विश्व बैंक की मद्द से सिंगरौली में विनाशकारी परियोजनाओं की नींव डाली थी। तभी से आज तक इन विनाशकारी परियोजनाओं की श्रंखला में अनेकों सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कम्पनियां जुड़ती चली गईं और स्थानीय पर्यावरण, स्वास्थ्य, जीवन शैली, रोजगार, शान्ति एवं अन्य जरूरी मुद्दे हाशिये का प्रश्न बनते चले गये।
सिंगरौली में अब और विस्थापन न होने देने का संकल्प लेते हुए उपस्थित सभी जन संगठनों ने कहा कि निरस्त कोल ब्लाॅकों का अगर पुनः आवंटन किया गया तो सिंगरौली की जनता के नेतृत्व में सभी संगठन मिल कर एक मजबूत आन्दोलन छेड़ने को बाध्य होंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए संगठनों के प्रतिनीधियों ने कहा कि वर्तमान में जारी परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराना, इन परियोजनाओं के द्वारा सी0एस0आर0 सम्बंधित जिम्मेदारियों का अनुपालन कराना, शासन प्रशासन का ध्यान स्थानीय जनता के स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर आकृष्ट कराना आदि सवालों पर सिंगरौली सामाजिक मंच की तरफ से पूरा प्रयास किया जायेगा। साथ ही भविष्य में किसी भी स्तर पर विस्थापन का भरपूर विरोध किया जायेगा। बैठक में बोलते हुए सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा सम्पोषित विकास का मॉडल असफल हो चुका है और अब इसे दोहराये जाने के किसी भी प्रयास को सिंगरौली की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
इस अवसर पर किसान आदिवासी विस्थापित एकता मंच, सर्वहित सेवा संस्थान, सुविधा सेवा संस्थान, अमृता सेवा संस्थान, उर्जान्चल विस्थापित एवं कामगार यूनियन, आम आदमी पार्टी, ऑल इण्डिया यूथ फेडरेशन, लोकविद्या जन आन्दोलन आदि के कार्ककर्ता एवं प्रतिनीधिगण उपस्थित रहे।
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