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ज्योतिर्मय डे की याद में सोनभद्र में लगाये गये 10000 पौधे

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hastakshep
04 Jul 2011
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ज्योतिर्मय डे की याद में सोनभद्र में लगाये गये 10000 पौधे

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सोनभद्र 4 जुलाई (विजय विनीत) मुंबई में 11 जून को प्रख्यात पत्रकार जे डे की हत्या (The killing of noted journalist J. Day) के विरोध में  उप्र के सोनभद्र में सैकड़ों लोगों ने जुलूस निकाल कर हत्यारों को फांसी देने की मांग की। इस अवसर पर जनपद के कई गावों में जे डे की याद में 10000 फलदार पौधे लगाये गये। जनसंगठनों की तरफ से प्रधानमंत्री को संबोधित 8 सूत्रीय मांगपत्र में पत्रकारों की सुरक्षा (Security of journalists) के लिये देश में प्रभावी कानून बनाने की मांग की गयी। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि एक पत्रकार की हत्या (Journalist assassination) का मुद्दा जो कि सीधे तौर पर शहरी बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़ा हुआ था लेकिन इसकी पहल यहां के वनक्षेत्र रहने वाले आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों के संगठन कैमूर क्षेत्र महिला मज़दूर किसान संघर्ष समिति द्वारा की गई। यह संगठन राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में मानवाधिकार कानूनी सलाह केन्द्र, न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव, प्रेस क्लब सोनभद्र भी शामिल रहे।

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10000 plants planted in Sonbhad in memory of Jyotirmaya Day

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सोनभद्र जिला

मुख्यालय स्थित हाईडल मैदान से दोपहर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी जिनमें

अधिकांश महिलायें थीं और बड़ी संख्या में जनसंगठनों के कार्यकर्ता, पत्रकार व अधिवक्तागण ने मिलकर मौन

जुलूस निकाला।

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जुलूस में शामिल

लोगों ने हाथों में तुम तोपों के मुंह खोलो-हम क़लम से सच को उगलेंगे, बिकाऊ पत्रकारिता को खत्म करो, निडर पत्रकारों की सुरक्षा करो, ज्योतिर्मय डे के हत्यारों को फांसी दो, सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़सद

नहीं-मेरी कोशिश है के ये सूरत बदलनी चाहिये समेत विभिन्न नारे लिखीं तख्तियां ले

रखीं थीं।

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जुलूस शान्तिपूर्ण

ढंग से नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सदर तहसील परिसर पहुंचा। तहसील परिसर

में जुलूस सभा की शक्ल में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए पत्रकार रजनीश

ने कहा कि जे डे की हत्या सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं बल्कि हिंदुस्तान के

लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या है। इस हत्या के पीछे माफिया और राजनैतिक गठजोड़

शामिल है। जे डे देश के लिये नासूर बन चुके इस गठजोड़ को तोड़ने और बेनकाब करने के

लिये लगातार अपनी कलम चला रहे थे। सरकार को उनकी हत्या की निष्पक्ष जांच कराकर सभी

पहलुओं को देश के सामने लाना चाहिये।

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उन्होंने कहा कि

पिछले साल सोनभद्र में भी गरीबों की आवाज़ उठाने वाले कमलेश नामक पत्रकार की हत्या

कर दी गई थी। पुलिस ने मामले की लीपा पोती कर डाली। इसी तरह देश में आदिवासियों वन

वासियों, गरीबों व आम आदमी की बात करने वाले

पत्रकारों का उत्पीड़न आम बात हो गई है।

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सामाजिक कार्यकर्ता

रोमा ने कहा कि देश में गरीबों मज़लूमों की आवाज़ दबाने की कोशिश हर तरफ की जा रही

है। जे डे आम आदमी की आवाज़ थे। इसी लिये उनकी आवाज़ बन्द कर दी गयी। पत्रकार आम

आदमी की आवाज़ होता है, ऐसे

में समाज के सभी लोगों को उनकी सुरक्षा के लिये आगे आना पड़ेगा। सभी लोगों ने इस

पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में गरीबों की आवाज़ बाहर नहीं आ पायेगी।

सभा को प्रेस क्लब

सोनभद्र के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी, अधिवक्ता अशोक तिवारी, रमाशंकर, राजकुमारी, सुकालो, शान्ता भट्टाचार्या समेत अन्य कई लोगों ने संबोधित किया।इसके

पश्चात तहसील परिसर में सौ फलदार वृक्षों को खेती करते वक्त गाया जाने वाला अपना

पारंपरिक गीत गाते हुऐ वनवासी महिलाओं द्वारा जे डे की याद में लगाया गया। इसी के

साथ जनपद के कई गांवों में एक माह तक दस हजार पौधे लगाने की शुरुआत तहसील प्रांगण

के पार्क से की गयी।----------------

दिनांक 4 जुलाई 2011

सेवा में,

मा0 प्रधान

मंत्रीश्री मनमोहन सिंह

भारत सरकार

नई दिल्ली

विषय: ज्योतिर्मय डे

के मुम्बई में हत्या के सिलसिले में और वृक्षा रोपण के सिलसिले मेंज्ञापन

1.  

 विख्यात पत्रकार

ज्योतिर्मय डे की 11 जून 2011 को दिन दहाड़े की गई हत्या में दोषीयो केा कड़ी से

कड़ी सज़ा दी जाए।

2.  

 इस मामले में असली

दोषीयों को सामने लाया जाए और गुर्गो की गिरफतारी दिखा इस जघन्य हत्या का मामला रफा

दफा न किया जाए।

3.  

 पत्रकारों की सुरक्षा

के लिए पूरे देश में प्रभावी कानून बनाया जाए जिससे पत्रकारिता के मूल्यों को

सुरक्षित रखा जा सके व बिकाउ पत्रकारिता पर अंकुश लग सके।

4.  

 इस मौके पर आदिवासियों

द्वारा प्रतीकात्मक रूप से पौधारोपण के ज़रिये वनाधिकार कानून 2006 को प्रभावी तौर

पर लागू किया जाए।

5.  

 पूरे जनपद में वनों

पर सामुदायिक आधिकारों को लागू किया जाए।

6.  

 वनविभाग द्वारा

संचालित जाईका कम्पनी के तहत वृक्षारोपण का कार्य रदद कर वनाधिकार कानून के तहत

वृक्षारोपण कार्य किया जाए।

7.  

 ग्राम वनाधिकार समिति

वनाधिकार कानून 2006 के तहत गठित है लेकिन जाईका किसी भी कानून के तहत संचालित

नहीं है यह केवल दबंगों की समिति बना कर वनाधिकारों को विफल करने का कार्य कर रहे

हैं।

8.  

 मुख्य मंत्री मायावती

द्वारा जुलाई माह को वनमहोत्सव की घोषणा के आधार पर तमाम जनपदों में आदिवासी

महिलाओं द्वारा 10000 उन पेड़ों का वृक्षारोपण किया जाएगा जो समाज के काम में आते

हैं।

धन्यवाद

1.  

 मुख्यमंत्री, सुश्री मायावती

2.  

 जिलाधिकारी सोनभद्र

3.    पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र

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