‘पटना रिपब्लिक’ की ओर से नागरिकों के नाम जारी की गयी अपील
Appeal issued by ‘Patna Republic’ to citizens
भाइयों और बहनों
पूरा देश इस समय एक खतरनाक मोड़ पर खड़ा है। पिछले दिनों दश भर में उजागर हुए भीमकाय घोटालों के परिणामस्वरूप केंद्र की वर्तमान सरकार से आम लोग बेहद आक्रोशित हैं। कमर तोड़ने वाली मॅंहगाई से भी आम जनता त्राहिमाम कर रही है। चारों ओर असंतोष का माहौल है। आम लोग बदलाव चाहते हैं।
इस असंतोष और बदलाव की आकांक्षा का फायदा उठाते हुए पूंजीपतियों का समूह एक ऐसे शख्स, नरेंद्र मोदी, को प्रधानमंत्री का बनाना चाहता है जो गरीब विरोधी, कॉरपोरेट पक्षधर उन्हीं आर्थिक नीतियों पर चलना चाहता है जिसने दश के आमजन का जीना मुश्किल बना दिया है।
Why is this country and its leadership not serious about the issue confronting?
इसके साथ-साथ नरेंद्र मोदी पर गुजरात के अल्पसंख्यक समुदाय के 1200 लोगों के नृशंसता पूर्वक कत्ल करने का गंभीर इल्जाम है।
नरेंद्र मोदी भारत के कॉरपोरेट पूंजी का सबसे प्रतिक्रियावादी चेहरा है, जिसके तौर-तरीके निरंकुश और विचार फासीवादी हैं। ऐसा शख्स देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताने-बाने को नुकसान तो पहुँचाने के साथ-साथ देशी-विदेशी पूंजीपतियों की खुलेआम वकालत करता है। तथाकथित गुजरात मॉडल पूंजीपतियों की नंगी पक्षधरता और हिंसा का मॉडल है। यह मॉडल मजूदर, महिला और मुसलमान विरोधी है। साथ ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का इतिहास ज्ञान तो बिल्कुल हास्यास्पद है।
नरेंद्र मादी की नुमांइदगी वाली भाजपा विदेश नीति, आर्थिक नीति, सुरक्षा नीति में कैसे पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह की सरकार से कैसे भिन्न है, यह अभी तक स्पष्ष्ट नहीं कर पायी है। भाजपा के घोषणा पत्र में सुरक्षा क्षेत्र में निजी पूंजी की वकालत बेहद खतरनाक है। अमेरिका की तरह यह ओद्योगिक -सैन्य प्रतिष्ठान; को जन्म देगी। इसका भयावह परिणाम यह होगा कि दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ बढ़ेगी और देश में युद्धोन्मादी अंधराष्ट्रवाद को फलने-फूलने का मौका मिलेगा।
भाजपा का मुंबई में बिहारी छात्रों और मजदूरों पर हमेशा हमला करने वालों, शिवसेना के साथ समझौता है। भाजपा का गुप्त समझौता राज ठाकरे के नेतृत्व वाले ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ से भी है।
बिहार बाबू की उपाधि वाले पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को दुबारा उम्मीदवार बनाया गया है। शत्रुघ्न सिन्हा ने आज तक हमलावर शिवसैनिकों और ‘मनसे’ के खिलाफ एक लफ्ज तक नहीं खोला है।
इन तमाम राजनैतिक परिस्तिथियों के आलोक में मौर्यालोक स्थित यह पटना रिपब्लिक आम लोगों से यह आह्वान करता है कि वे बिहार के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एकजुट होकर उन धर्मपिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी ताकतों को वोट करें, जो सांप्रदायिक शक्तियों को इस चुनावी समर में करारी शिकस्त दे सके।
- अरूण सिंह; मॉडरेटर, biharkhojkhabar.com,
- अमित कुमार; युवा पत्रकार ,
- इर्शादुल हक; मॉडरेटर, naukarshahi.in ,
- सत्येंद्र सिन्हा; जिज्ञासा प्रकाशन, पटना ,
- सुस्मित शर्मा; कार्यकर्ता, भूमि अधिग्रहण के विरूद्ध संघर्ष समिति,
- विनीत राय; सामाजिक कार्यकर्ता,
- गजेंद्रकांत शर्मा; शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता,
- राजेश कमल; युवा कवि ,
- इमरान खान; ब्यूरो चीफ, IANS
- जयप्रकाश; संस्कृतिकर्मी,
- अनीश अंकुर; संस्कृतिकर्मी,
- गालिब; सामाजिक कार्यकर्ता,
- दानिश रिजवान; युवा पत्रकार,
- आशीष झा; युवा पत्रकार,
- रविशंकर; लेखक,
- साकेत कुमार; व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता