राम पुनियानी
समकालीन वैश्विक संकट के पीछे धर्म है या राजनीति?
वैश्विक स्तर पर ‘इस्लामिक आतंकवाद’ शब्द बहुप्रचलित हो गया है और इस्लाम के आंतरिक ‘संकट’ की कई तरह से विवेचना की जा रही है। कुछ लोगों की राय है कि इस्लाम एक बहुत बड़े संकट के दौर से गुज़र रहा है और इस संकट से निपटने के लिए ज़रूरी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इतिहास गवाह है कि इसके पूर्व इस्लाम एक बहुत बड़े …
Read More »हिन्दुत्व : अर्थ और अनर्थ
25 अक्टूबर, 2016 को उच्चतम न्यायालय की सात-सदस्यीय बेंच ने ‘हिंदुत्व मामलों’ पर पुनः सुनवाई शुरू की। ‘‘हिंदुत्व मामले’’ हिंदुत्व और हिन्दू धर्म शब्दों के चुनाव प्रचार में इस्तेमाल की वैधानिकता के संबंध में कई प्रकरणों का समूह है। इनमें से एक मामला मनोहर जोशी का था, जिन्होंने अपने चुनाव भाषण में यह कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता …
Read More »चुनाव आया, फिर राम याद आए
फिर राम की शरण में अब तक भगवान राम ने भाजपा की बहुत मदद की है। भाजपा ने राम मंदिर मुद्दे (Ram Mandir Issue) पर पूरे देश को बांटने में सफलता हासिल की। लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा, अपने पीछे खून की एक लंबी और गहरी लकीर छोड़ गई थी। बाबरी मस्जिद को योजनाबद्ध ढंग से ढहाए जाने के बाद, देश में …
Read More »साध्वी प्रज्ञा की मोटरसाइकिल और रूबीना की कार-दो गाड़ियों की कहानी
गौभक्ति और गौमांस दरअसल, समुदाय विशेष के खिलाफ घृणा फैलाने का बहाना भर है
एक समुदाय विशेष के खिलाफ घृणा फैलाने का बहाना भर है गौभक्ति गौमांस और राजनैतिक परिदृश्य पिछले दो वर्षों में दलितों और मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा की कई घटनाएं (Many incidents of violence against Dalits and Muslims) समाचारपत्रों की सुर्खियां बनीं। इनमें से कुछ, जिनमें उना, गुजरात में जुलाई 2016 का घटनाक्रम शामिल है, ने देश के संवेदनशील नागरिकों की …
Read More »कैराना के किराने से भाजपा का चुनावी भोजन?
कैराना से ‘पलायन’ -राम पुनियानी सन 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले, उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़के सांप्रदायिक हिंसा के दावानल में 80 मुसलमान मारे गए थे और हज़ारों को अपने घर-गांव छोड़कर भागना पड़ा था। ऐसा लगता है कि उत्तरप्रदेश में सन 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, भाजपा ने अपनी दंगा भड़काऊ मशीनरी को पुनः …
Read More »कश्मीरी पंडितों की बदहाली का राजनीतिकरण
राजनीति एक अजब-गजब खेल है। इसके खिलाड़ी वोट कबाड़ने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। इन खेलों से हमें संबंधित खिलाड़ी की राजनैतिक विचारधारा का पता तो चलता ही है, इससे हमें यह भी समझ में आता है कि इस खेल में किस तरह घटनाओं को तोड़ा-मरोड़ा जाता है और एक ही घटना की किस तरह परस्पर …
Read More »राष्ट्रद्रोह के बाद ‘भारत माता की जय‘
एक कुटिल चाल है भारत के सभी निवासियों को हिंदू बताने के खेल के पीछे
क्या ‘हिंदू’ हमारी राष्ट्रीय पहचान है? आरएसएस का न तो स्वाधीनता संग्राम से कोई लेनादेना रहा है और ना ही भारतीय संविधान में उसे कोई विशेष श्रद्धा है -राम पुनियानी सन् 1980 के दशक से पहचान-आधारित राजनीति ने हमारे देश में जड़ें जमानी शुरू कीं। शाहबानो मामले, राममंदिर की समस्या और रथयात्राओं ने पहचान पर आधारित मुद्दों को देश के …
Read More »देश में सहिष्णुता और अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में है
ब्रिटिश शासन का भारत पर प्रभाव
Impact of British rule on India | भारत में हिंदू राष्ट्रवाद के निकृष्टतम स्वरूप हिंदुत्व की विचारधारा का बोलबाला स्थापित हो गया है। इंग्लैंड के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में औपनिवेशिक काल विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में दिया गया शशि थरूर का भाषण (Shashi Tharoor’s speech given at a discussion on the colonial period at Oxford University, England) कुछ समय तक …
Read More »पितृसत्तात्मक मानसिकता को बढ़ावा-रक्षाबंधन
Promotion of patriarchal mindset – Rakshabandhan गत 21 जून 2015 को धूमधाम से योग दिवस मनाने के बाद, मोदी सरकार बड़े पैमाने पर रक्षाबंधन मनाने की तैयारी कर रही है। इस योजना को भाजपा के पितृसंगठन आरएसएस का आशीर्वाद प्राप्त है। बिना किसी संकोच या हिचक के एक हिंदू धार्मिक त्योहार को राष्ट्रीय त्योहार का दर्जा दिया जा रहा है। …
Read More »Manufacturing and Undermining National Icons : RSS Style
भारत की मुस्लिम आबादी में हिंदुओं की तुलना में, अधिक तेजी से बढ़ोत्तरी क्यों हो रही है
भविष्य के भारत में विभिन्न धार्मिक समुदायों की आबादी Population of various religious communities in future India प्यू रिसर्च सेंटर की हालिया (2 अप्रैल 2015) की रपट (Pew Research Center’s recent (2 April 2015) report) में आने वाले वर्षों में भारत की आबादी के संबंध में कुछ पूर्वानुमान दिये गये हैं। रपट के अनुसार, सन् 2050 तक भारत में हिंदुओं की …
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