/hastakshep-prod/media/media_files/leOOMuKrzpmOQhmUaC27.jpg)
None
जानिए ऑटिज्म के लक्षण, उपचार व नया शोध | Symptoms of autism, treatment of autism and new research | autism in Hindi
नई दिल्ली, 28 अक्तूबर। ऑटिज़्म (Autism) मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक मानसिक रोग है जो मस्तिष्क के कई भागों को प्रभावित करता है। एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में 59 में से एक बच्चा ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकारों Autism spectrum disorders से पीड़ित है।
ऑटिज्म के लक्षण
ऑटिज्म के लक्षण बचपन से ही नजर आने लग जाते हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चों का विकास तुलनात्मक रूप से धीरे होता है। ये जन्म से लेकर तीन वर्ष की आयु तक विकसित होने वाला रोग है जो सामान्य रूप से बच्चे के मानसिक विकास को रोक देता है। ऐसे बच्चे समाज में घुलने-मिलने में हिचकते हैं, वे प्रतिक्रिया देने में काफी समय लेते हैं और कुछ में ये बीमारी डर के रूप में दिखाई देती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक दस्तावेज के मुताबिक ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (एएसडी) जटिल मस्तिष्क विकास विकारों का एक समूह है। इस शब्द समूह में ऑटिज़्म और एस्परगर सिंड्रोम जैसी स्थितियां शामिल हैं। ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकारों से ग्रस्त बच्चों का वर्गीकरण उनके सामाजिक संबंधों, संचार चुनौतियों और तिबंधित और दोहराव वाले व्यवहार जैसी विशेषताओं से किया जाता है।
इन व्यवहारों में दोहराने वाले शब्द या वाक्यांश, या भौतिक क्रियाएं जैसे कि रॉकिंग, फ्लिकिंग या पेसिंग शामिल हो सकते हैं।
वर्तमान में भाषण और व्यावहारिक थेरेपी speech and behavioral जैसी कुछ विधियों का प्रयोग ऑटिज़्म पीड़ित बच्चों में इन लक्षणों का प्रबंधन करने के लिए किया जाता है।
कुछ उपचार हैं जो प्राथमिक स्तर पर ऑटिज़्म से संबंधित व्यवहार को सही कर सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक दस्तावेज के मुताबिक दुनिया भर में, अधिकांश ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकारों से पीड़ितों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रणालियों से कोई मदद नहीं मिलती है।
मई 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गैर-संक्रमणीय बीमारियों और पारंपरिक दवाओं पर विश्व स्वास्थ्य असेंबली World Health Assembly progress on noncommunicable diseases and traditional medicine आयोजित की।
असेबली में पारित प्रस्ताव में एएसडी व अन्य विकास संबंधी विकारों को हल करने के लिए देशों की क्षमता को मजबूत करने में डब्ल्यूएचओ द्वारा मदद करने पर जोर दिया गया।
चूहों पर ऑटिज़्म के इलाज का नया परीक्षण
यूटी साउथवेस्टर्न UT Southwestern द्वारा किए गए एक अध्ययन ने चूहों में एक चिकित्सा का परीक्षण किया किशोरावस्था से संबंधित व्यवहार के साथ किशोर और वयस्क चूहों में सामाजिक हानि को उलट देता है।
यह एक आश्चर्यजनक खोज हो सकी है यदि वैज्ञानिक इस थेरेपी का मनुष्यों में प्रयोग कर पाएं।
नए अध्ययन में उपयोग की जाने वाली दवा रैपिमाइसिन - Rapamycin आमतौर पर अंग प्रत्यारोपण रोगियों में इम्यूनोस्प्रेशन (immunosuppression in organ transplant patients) के लिए प्रयोग की जाती है। यह टीएससी रोगियों में दौरे जैसे लक्षणों को दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया गया है।
क्या देर से भी प्रभावी है ऑटिज़्म की दवा (autism medicine)
यूटी साउथवेस्टर्न के डॉ. पीटर त्सई, Dr. Peter Tsai, जिन्होंने UT Southwestern’s Peter O’Donnell Jr. Brain Institute के शोध का नेतृत्व किया, ने कहा कि उन्होंने चिंतित माता-पिता से कई बार ये प्रश्न सुना है कि क्या ऑटिज़्म से पड़ित बच्चे के इलाज के लिए बहुत देर हो चुकी है, या 10-15 वर्ष पूर्व खोजी गई ऑटिज़्म की दवा अभी भी प्रभावी है ? डॉ. पीटर त्सई ने कहा कि यह अध्ययन हमें बताता है कि देर नहीं हुई अभी भी समय है और इलाज हो सकता है।
इस अध्ययन के विषय में जानने और ऑटिज्म से संबंधित समाचार के लिए यह ख़बर पढ़ें
Autism behaviors can be reversed in adult mice : Study
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)
Topics - Autism spectrum disorders in Hindi, Autism in Hindi, Autism symptoms treatment and new discovery, Autism spectrum disorders, UT Southwestern Medical Center, Neurology, autism-related social deficits, Neurotherapeutics, genetic disorders, immunosuppression in organ transplant patients, अंग प्रत्यारोपण, ऑटिज़्म की दवा, autism meaning in Hindi, आत्मकेंद्रित, What is Autism And Its Causes in Hindi, Autism spectrum disorders in Hindi, Autism in Hindi,