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भीमा कोरेगांव केस : सर्वोच्च न्यायालय ने पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नज़रबंदी बढ़ायी, पुणे पुलिस का रिकॉर्ड 19 सितंबर को देखा जाएगा

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hastakshep
23 Mar 2019

भीमा कोरेगांव केस : सर्वोच्च न्यायालय ने पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नज़रबंदी बढ़ायी, पुणे पुलिस का रिकॉर्ड 19 सितंबर को देखा जाएगा

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नई दिल्ली, 17 सितंबर। भीमा कोरगांव हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नज़रबंदी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आगामी 19 सितंबर तक बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगामी 19 सितंबर को पुणे पुलिस का रिकॉर्ड देखा जाएगा।

भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा,

"आरोपियों को न सिर्फ केस में कथित शिरकत के लिए गिरफ्तार किया गया है, बल्कि वे देश में शांति को बाधित भी करते प्रतीत हो रहे हैं।"

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जबकि भीमा कोरेगांव केस में याचिकाकर्ताओं का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से कहा,

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"केस की सही तरीके से विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा जांच कराई जानी चाहिए, या अदालत में निगरानी में जांच होनी चाहिए।"

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भीमा कोरेगांव केस में देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा,

"हमने इस मामले में लिबर्टी के मूल के कारण सुनवाई की, निष्पक्ष जांच जैसे मुद्दे बाद में आएंगे। पहले आरोपियों को निचली अदालत से राहत मांगने दीजिए, तब तक हाउस अरेस्ट में रखने का हमारा अंतरिम आदेश जारी रह सकता है।"

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