Advertisment

सावधान ! न बढ़ने दें पेट की चर्बी, मस्तिष्क को पहुंचा सकती है नुकसान, इस नुस्खे से बचें

author-image
hastakshep
13 Jan 2019
सावधान ! न बढ़ने दें पेट की चर्बी, मस्तिष्क को पहुंचा सकती है नुकसान, इस नुस्खे से बचें

Advertisment

नई दिल्ली, 13 जनवरी। चिकित्सकों का कहना है कि पेट की अतिरिक्त चर्बी (Excess fat of the stomach) आपके मस्तिष्क में ग्रे मैटर की मात्रा amount of gray matter in the brain, को कम कर सकती है और अतिरिक्त वजन (Excess weight) मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में सिकुड़न से जुड़ा होता है। इसके साथ ही मोटापे के रोगियों में हृदय रोग (Heart disease in obesity patients,), मधुमेह diabetes, उच्च रक्तचाप high blood pressure और डिस्लिपिडेमिया Dyslipidemia, का भी खतरा बढ़ जाता है।

Advertisment

आज की जीवनशैली के कारण सामान्य वजन का मोटापा एक महामारी

Advertisment

Obesity of normal weight due to today's lifestyle is an epidemic

Advertisment

हार्टकेयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा,

Advertisment

"सामान्य वजन का मोटापा हमारे देश में एक नई महामारी है। इसका एक प्रमुख कारण आज की जीवनशैली है। ऑन-द-गो और तेज-रफ्तार जीवन का मतलब है कि लोग नाश्ते को छोड़ देते हैं और बाकी पूरा दिन अस्वास्थ्यकर, क्विक फिक्स रिफाइंड कार्ब्स Quick Fix Refined Carbs, वाला भोजन खाते हैं। पेट के चारों ओर एक इंच अतिरिक्त वसा हृदय रोग की संभावना को 1.5 गुना बढ़ा सकती है।"

Advertisment

उन्होंने कहा,

Advertisment

"पुरुषों में 90 सेमी और महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से अधिक का उदर रोग एक संकेत है कि व्यक्ति भविष्य में दिल के दौरे की चपेट में आ सकता है। पुरुषों में 20 वर्ष की आयु के बाद और महिलाओं में 18 वर्ष की आयु के बाद पांच किलोग्राम से अधिक वजन नहीं बढ़ना चाहिए। 50 वर्ष की आयु के बाद किसी के वजन की निगरानी करना और उसे उचित रूप से कम करना भी अनिवार्य है।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा,

"एक बार जब किसी व्यक्ति का कद बढ़ना बंद हो जाता है, तो उसके अंगों का बढ़ना बंद हो जाता है और केवल मांसपेशियां ही एक हद तक निर्माण कर पाती हैं। वसा का जमाव एकमात्र कारण है जो उस चरण के बाद शरीर के वजन को बढ़ाता है।"

उन्होंने कहा,

"जो लोग मोटे हैं, उन्हें परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करने का लक्ष्य रखना चाहिए क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, हर दिन लगभग 30 से 45 मिनट शारीरिक गतिविधि करने का लक्ष्य रखें, सप्ताह में पांच बार।"

डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव देते हुए कहा,

"हर दिन व्यायाम करें और स्वस्थ आहार का सेवन करें, सभी सात रंगों और छह स्वादों का मिश्रण भोजन मे शामिल करें। किसी भी रूप में रिफाइंड चीनी का सेवन न करें, क्योंकि यह रक्त प्रवाह में अधिक आसानी से अवशोषित हो सकती है और आगे की जटिलताओं का कारण बन सकती है। ध्यान और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को कम करें।"

उन्होंने कहा,

"प्रतिदिन एक खाद्य पदार्थ छोड़ें ताकि खाद्य प्रतिजन या फूड एंटीजेनिसिटी का ध्यान रखा जा सके। अगर आप गेहूं के प्रति संवेदनशील हैं तो आपको गेहूं पेट यानी व्हीट बैली Wheat belly, की समस्या हो सकती है और आपको अपने भोजन की थाली से गेहूं को हटाना पड़ सकता है।"

क्या यह ख़बर/ लेख आपको पसंद आया ? कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट भी करें और शेयर भी करें ताकि ज्यादा लोगों तक बात पहुंचे

कृपया हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें

Excess fat of the stomach can lead to brain damage, obesity, belly fat, stomach fat, the wheat belly, obesity symptoms, causes of brain damage, Health news, Health news in Hindi, obesity news in Hindi, obesity in Hindi, health, health articles,

Advertisment
सदस्यता लें