भाजपा आरएसएस के लोग देश बनाने नहीं, देश को बेचने के उस्ताद रहे हैं। आपको याद होगा कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में एक देश बेचो मंत्रालय ही बना दिया गया था, जिसे विनिवेश मंत्रालय नाम दिया गया था। उसके सरगना जाने माने पत्रकार अरुण शौरी थे।
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अरुण शौरी आजकल मोदी सरकार से खफा हैं। मंत्रियों के बारे में बहुत तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उनको लगता है कि मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला दबा रही है। यह गति सरकार के 3 साल पूरे होने पर लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के खास रहे सभी नेताओं की है, जिन्हें मोदी टीम ने धकिया रखा है।
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मजे की बात है कि मोदी सरकार भी देश बेचो सरकार है। इसने अलग मंत्रालय व मंत्री नहीं बनाया है, लेकिन एक दीपम विभाग बनाया है, जो देश बेचने का काम देख रहा है।
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बहरहाल कनाट प्लेस की शान रहे जनपथ होटल को बंद किए जाने की कहानी देखें, उन साजिशों संदेहों को भी जानें। कुछ विद्वानों का कहना है कि किसी उद्यमी को होटल बेच देने के पहले की यह एक कवायद है। देश की धरोहर कहे जाने वाले स्थल बेचे जा रहे हैं, जिसे स्वतंत्रता के बाद बड़े करीने से सजाया संवारा गया था।