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The country is battling a serious financial crisis - Atul Kumar Anjan
डर इस बात का है कि इस मुल्क में किसानों की बात करना कहीं फैशन न बन जाये
बाराबंकी, 27 जून 2019. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय नेता और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अतुल कुमार अंजान ने कहा है कि आज देश गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और उसमें देश का प्राचीनतम व्यवसाय कृषि अति दयनीय अवस्था में है। लाखों किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या कर रहे हैं और विडम्बना यह है कि आज किसान राजनैतिक दलों के राजनैतिक प्रचार का मुद्दा बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि डर इस बात का है कि इस मुल्क में किसानों की बात करना कहीं फैशन न बन जाये।
अतुल कुमार अंजान आल इण्डिया किसान सभा के जनक स्वामी सहजानन्द सरस्वती की पुण्य तिथि 26 जून (The death anniversary of Swami Sahajananda Saraswati,) के अवसर पर ‘‘किसानों की समस्या एवं सरकार’’ (Problem of farmers) विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय दुगनी करने की बात करते हैं परन्तु राष्ट्रपति के भाषण के अभिवादन में लोकसभा में किसानों की समस्या का उन्होंने कोई जिक्र तक करना मुनासिफ नहीं समझा। भारतीय जनता पार्टी सरकार की नीतियाँ प्रारम्भ से ही किसान विरोधी एवं गरीब विरोधी रही हैं। उनके ही शासनकाल में बीज महंगा, खाद महंगी है और डीजल की कीमतें आसमान छू रहीं है।
किसान नेता ने कहा कि अब अमेरिका के दबाव में पेट्रोलियम पदार्थों का आयात ईरान से न करने पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और उछाल आयेगा और किसानों की समस्यायें बढ़ने वाली हैं। मुद्रा स्फूर्ति दर में भी इजाफा होगा, आम जनता को महंगाई का सामना करना होगा।
कामरेड अंजान ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और विदेशी नीति एवं रक्षा नीतियों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि देश में जल्द से जल्द डेढ़ सौ से अधिक सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण सरकार द्वारा कर दिया जायेगा। सरकारी बैंकों के अस्तित्व पर भी भारी संकट है। नितिन गडकरी के रिश्तेदारों के इंड्सइंड बैंक पर मोदी सरकार मेहरबान है इसी प्रकार एक्सिस बैंक, यस बैंक, एचडीएफसी बैंक जनता को लूट रही हैं।
उन्होंने देश की सामाजिक, संस्कृति को भी अस्मिता व स्थिरता के लिए चिन्तनीय बताते हुए कहा मात्र एक विशेष धर्म व समुदाय के विरूद्ध लिंचिंग जैसी घटनाएं देश के लोकतंत्र के लिए बहुत ही शर्मनाक हैं।
उ.प्र. किसान सभा के अध्यक्ष इम्तियाज बेग की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को संगठन के उपाध्यक्ष सुरेश त्रिपाठी ने सम्बोधित करते हुए किसानों की समस्याएँ, सरकारों की नीतियों, सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार पर चर्चा की।
उ.प्र. किसान सभा के महामंत्री एवं पूर्व विधायक कामरेड राजेन्द्र यादव ने अपने सम्बोधन में किसानों की वर्तमान जटिल परिस्थितियों के विरूद्ध संघर्ष करने का आवाह्न किया।
इस अवसर पर उ0प्र0 किसान सभा के सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने गोष्ठी में सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए ’लोक संघर्ष पत्रिका के विशेष अंक ‘‘किसान सभा’’ का लोकर्पण किसान सभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा करा गया।
गोष्ठी का समापन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव कामरेड बृजमोहन वर्मा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित से हुआ।