नई दिल्ली, दो अगस्त 2019. वामपंथी पार्टियों ने अमरनाथ यात्रियों और कश्मीर घाटी में पर्यटकों के लिए जारी किए गए सुरक्षा परामर्श (Security advisories issued for Amarnath pilgrims and tourists in Kashmir Valley) को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार से पूछा है कि सुरक्षा परामर्श जारी करने से पहले संसद को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया ? वामदलों का कहना है कि इस तरह का संदेश जारी करने से पहले संसद को विश्वास में लेना चाहिए था।
माकपा महासचिव महासचिव सीताराम येचुरी (CPI (M) General Secretary Sitaram Yechury) ने आरोप लगाया है कि इससे जम्मू-कश्मीर में अफवाहों को फैलने का मौका दिया जा रहा है।
बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीर्थयात्रियों पर संभावित आतंकी हमले की खुफिया जानकारी के मद्देनजर शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से जल्द से जल्द निकलने की व्यवस्था करने को कहा है। इस आशय की एक खबर को ट्विटर पर शेयर सरते हुए सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा,
‘‘संसद सत्र चल रहा है। प्रधानमंत्री क्यों सदन को विश्वास में नहीं ले रहे हैं? जम्मू-कश्मीर में अफवाह और घबराहट को फैलने की अनुमति दी जा रही है, जिसमें किसी का भी फायदा नहीं है।’’
उधर भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा है कि आतंकवाद एक ऐसा मामला है जिसको लेकर पूरा देश चिंतित है। सभी पार्टियों ने इस पर एक स्वर में बोला है और सरकार जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर संसद को जानकारी देने के लिए कर्तव्य से बंधी है।
Parliament is in session. Why isn’t the PM taking the House into confidence? The panic and rumours allowed to fester in J&K are helping nobody. https://t.co/Vicxq1cZ9l
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 2, 2019