लखनऊ, 11 अगस्त। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने रविवार को एनएपीएम नेता समाजसेवी डा. संदीप पांडेय और रिहाई मंच अध्यक्ष मो. शुएब सहित पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा यहां अलग-अलग उनके घर व कार्यालय में घंटों नजरबंद रखने की पुलिस कार्रवाई को नागरिक स्वतंत्रता व लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए कड़ी निंदा की है।
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पार्टी ने उक्त दोनों संगठनों द्वारा कश्मीर की जनता के साथ एकजुटता जताने के लिए हजरतगंज गांधी प्रतिमा पर शाम को कैंडिल मार्च निकालने के पूर्व घोषित कार्यक्रम को पुलिस द्वारा दबाव डाल कर रद्द करा देने को सरकार की दमनकारी कार्रवाई बताया है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने एक बयान में कहा कि लखनऊ में नेताओं को नजरबंद करने और कार्यक्रम करने से रोकने से कश्मीर की वास्तविकता छुपी नहीं रह सकेगी। उन्होंने कहा कि नजरबंदी जैसी कार्रवाई दिखाती है कि मोदी और योगी की सरकार कश्मीर को लेकर अंदर से कितनी डरी हुई है। कश्मीर में एमरजेंसी के हालात तो हैं ही, श्रीनगर से दूर लखनऊ में एक शांतिपूर्ण प्रतिवाद कार्यक्रम करने तक की इजाजत नहीं है। माले नेता ने इसके खिलाफ लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों व संगठनों से एकजुट होकर आगे आने की अपील की।
CPI-ML condemns house arrests of NAPM leader Dr. Sandeep Pandey and Rihai Manch leaders by Lucknow Police