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कश्मीर में लोकतंत्र की लगातार हो रही है हत्या
हजारों लोगों को जेलों में बंद रखकर कश्मीरी नौजवानों कोआक्रोश से भर रही है सरकार
वामपंथी समाजवादी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने कश्मीर बचाओ लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन (Save Kashmir Save democracy Conference) का किया आयोजन
इंदौर। कश्मीर में धारा 370 हटाने के तीन महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद वहां पर हजारों की तादाद में सेना के जवान तैनात हैं। हर छह लोगों के पीछे एक सेना का जवान तैनात किया गया है। लोकतंत्र की लगातार हत्या की जा रही है। हजारों लोगों जिनमें बच्चे, बूढ़े और नौजवान शामिल है उन्हें देश की विभिन्न जेलों में बंद कर रखा है। अदालतों में पैरवी करने वाले बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तक जेलों में बंद हैं तो ऐसे में कैसे कश्मीर को सामान्य कहा जा सकता है?
उपरोक्त विचार माकपा, भाकपा ,समाजवादी पार्टी और सोशलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने व्यक्त किए।
What is the government afraid that it does not want to let the truth of Kashmir come to the public.
वक्ताओं ने कहा कि कश्मीर के जनप्रतिनिधि और पूर्व मुख्यमंत्री तक नजरबंद हैं। वहीं देश के सांसदों को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है जबकि विदेशों से पूंजी परस्त और दक्षिणपंथी सांसदों को वहां ले जाया जा रहा है। आखिर सरकार को ऐसा क्या डर है कि वह कश्मीर की सच्चाई को जनता के बीच आने नहीं देना चाहती। दरअसल सरकार की यह कार्रवाई कश्मीर को देश से अलग करने वाली कार्रवाई हो सकती है। जिसका प्रतिरोध किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को छोड़कर देश के तमाम राजनीतिक दल आज कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंतित है यदि यही स्थिति रही तो वहां के नौजवान निश्चित रूप से बगावती तेवर अपनाएंगे और अपने आक्रोश को व्यक्त करने के लिए वे बंदूक भी उठा सकते हैं।
Democracy is continuously murdered in Kashmir
सम्मेलन की अध्यक्षता गौरी शंकर शर्मा ने की, जबकि अतिथि माकपा के प्रदेश महासचिव जसविंदर सिंह तथा वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व सांसद कल्याण जैन थे।
सम्मेलन को कैलाश लिंबो दिया ,रामस्वरूप मंत्री आदि ने भी संबोधित किया।संचालन भाकपा के जिला सचिव रूद्र पाल यादव ने किया। सम्मेलन में सीएल सर्रावत,निमगांवकर, कैलाश गोठानिया, चुन्नीलाल वाधवानी, जीवन मंडलेचा, भरत सिंह यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, रजनीश जैन, अरुण चौहान, राजकुमार कोष्टि, भागीरथ कछवाय, रमेश झाला, रमेश प्रजापत आर के मिश्रा,माता प्रसाद मोर्य,सहित बड़ी संख्या में चारों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी ने सभी लोकतंत्र प्रेमियों से अपील की है कि वे 13 तारीख को मालवा मिल चौराहे पर होने वाले धरने में बड़ी संख्या में शामिल हो।