सितंबर सेप्सिस अवेयरनेस मंथ है। सितंबर 2011 में, सेप्सिस अलायंस ने पहली बार सेप्सिस अवेयरनेस मंथ की घोषणा की। इसके लिए सितंबर का ही महीना क्यों चुना गया ? समझा जाता है कि SEPsis और SEPtember दोनों में SEP कॉमन होने की वजह से सितंबर में सेप्सिस जागरुकता माह का चयन किया गया। विश्व सेप्सिस दिवस हर साल 13 सितंबर को आयोजित किया जाता है और दुनिया भर के लोगों के लिए सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का अवसर है।
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सेप्सिस अवेयरनेस मंथ के दौरान सेप्सिस की रोकथाम और मान्यता के बारे में जागरुकता फैलाएं। यह एक जीवन बचा सकता है। सेप्सिस से संबंधित जानकारियां (Sepsis in HIndi) जो हमारी साइट पर http://www.hastakshep.com/old?s=Sepsis लिंक पर उपलब्ध हैं, शेयर करें।
अमेरिकी स्वास्थ्य नियंत्रण और मानव सेवा विभाग से संबद्ध रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention affiliated to U.S. Department of Health & Human Services) पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक सेप्सिस का निदान और उपचार – निम्न है –
How is sepsis diagnosed and treated?
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चिकित्सक कई शारीरिक निष्कर्षों का उपयोग करते हुए सेप्सिस का निदान करते हैं:
बुखार,
कम रक्त दबाव,
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बढ़ी हृदय की दर,
सांस लेने मे तकलीफ।
डॉक्टर प्रयोगशाला परीक्षण भी करते हैं जो संक्रमण या अंग क्षति के संकेतों की जांच करते हैं।
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सेप्सिस के कई लक्षण और लक्षण, जैसे कि बुखार और साँस लेने में कठिनाई, अन्य स्थितियों में समान हैं, जिससे सेप्सिस को अपने शुरुआती चरणों में निदान करना मुश्किल हो जाता है।
अनुसंधान से पता चलता है कि तेजी से, प्रभावी सेप्सिस उपचार में निम्न चीजें शामिल हैं:
एंटीबायोटिक दवाएं,
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अंगों में रक्त का प्रवाह बनाए रखना,
संक्रमण के स्रोत का इलाज करना,
डॉक्टर और नर्स जल्द से जल्द एंटीबायोटिक दवाओं के साथ सेप्सिस का इलाज करते हैं। कई रोगियों को ऑक्सीजन और अंतःशिरा -intravenous (IV) तरल पदार्थ देने होते हैं जो रक्त प्रवाह और अंगों को ऑक्सीजन की सप्लाई बनाए रखते हैं। अन्य प्रकार के उपचार, जैसे कि किडनी डायलिसिस या एक मशीन के साथ सांस लेने में सहायता, आवश्यक हो सकते हैं। कभी-कभी संक्रमण द्वारा क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता होती है।
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)