नई दिल्ली, 01 सितंबर 2019. नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत की डूबती अर्थव्यवस्था पर तंज कसते हुए कांग्रेस समर्थक समझे जाने वाले राजनीतिक विश्लेषक दुष्यंत नागर ने कहा है कि सत्तर साल का हिसाब मांगने वाले 7 साल पूरे होने से पहले ही पस्त हो गये।
श्री नागर ने 24 घंटे के अंदर कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा –
“#गुजरात का #हीरा उद्योग बदहाल है।
कई ईकाइयाँ बंद हो चुकी हैं,तीन के बदले एक शिफ़्ट में काम हो रहा है,कम घंटे काम हो रहा है। इसके बावजूद इससे जुड़े 60 हज़ार लोगों की नौकरी जा चुकी है।
नये रोजगार के अवसर मिल नहीं रहें..जो है वो हाथ से निकल रहें हैं।“
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा –
“#MakeInIndia का क्या हाल है Sirji??
@narendramodi
#Manufacturing सेक्टर की विकास दर 0.6 फीसदी है.
जो कभी 12% थी.
#NewIndia”विश्व-गुरु” बनने के सपनें का क्या होगा??”
दुष्यंत ने अन्य ट्वीट में लिखा –
“अब #NHAI का निकला दिवाला!
जनता झेल रहीं हैं टोल की मार,
हर साल टोल से कमाई ₹10,000 करोड़,
पर क़र्ज़ ले लिया – ₹1,80,000 करोड।
@BJP4India
का #NewIndia – क़र्ज़ा लो, और “घी पियो””
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा –
“5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करने वालों के राज मे 5 रूपए वाला पारले बिस्किट का अस्तित्व भी ख़तरे में है !
#EconomicSlowdown”
#MakeInIndia का क्या हाल है Sirji?? @narendramodi#Manufacturing सेक्टर की विकास दर 0.6 फीसदी है.
जो कभी 12% थी.#NewIndia”विश्व-गुरु” बनने के सपनें का क्या होगा??@navikakumar @RubikaLiyaquat #EconomicSlowdown @priyankagandhi— दुष्यंत नागर (@DushyantNaagar) September 1, 2019
अब #NHAI का निकला दिवाला!
जनता झेल रहीं हैं टोल की मार,
हर साल टोल से कमाई ₹10,000 करोड़,
पर क़र्ज़ ले लिया – ₹1,80,000 करोड।@BJP4India का #NewIndia – क़र्ज़ा लो, और “घी पियो”#EconomicSlowdown pic.twitter.com/KVJqEqMVeL— दुष्यंत नागर (@DushyantNaagar) September 1, 2019
#अर्थव्यवस्था के मोर्चे से एक और बुरी खबर,भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट,430 अरब डॉलर से नीचे आया – @Jansatta
भोली मिडिया मस्त जनता त्रस्त, अर्थव्यवस्था का बंटाधार..@RubikaLiyaquat @AMISHDEVGAN @navikakumar#EconomicSlowdown@nsitharaman https://t.co/q8wy37gHQZ— दुष्यंत नागर (@DushyantNaagar) August 31, 2019
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करने वालों के राज मे 5 रूपए वाला पारले बिस्किट का अस्तित्व भी ख़तरे में है !#EconomicSlowdown
— दुष्यंत नागर (@DushyantNaagar) August 31, 2019
सत्तर साल का हिसाब मांगने वाले 7 साल पूरे होने से पहले ही पस्त हो गये..#EconomicSlowdown pic.twitter.com/yX3bQbOHkc
— दुष्यंत नागर (@DushyantNaagar) August 31, 2019