मोदी ने शिक्षा बजट में कटौती कर छत्तीसगढ़ के बेटे-बेटियों को शिक्षा से किया वंचित-कांग्रेस
रायपुर/19 अगस्त 2018। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के शिक्षा बजट को आधा करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इसे छत्तीसगढ़ के नौनिहालों के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का नारा मोदी-रमन के लिए सिर्फ नारा ही है। धरातल पर शिक्षा के साथ बेटियां मजबूत हो ऐसी रमन सरकार और मोदी सरकार की मंशा प्रतीत नहीं होती है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि शिक्षा बजट में कटौती की फैसले से भाजपा की शिक्षा विरोधी मानसिकता को उजागर होती है। भाजपा की सरकारें सुनियोजित तरीके से गरीब बच्चों को मजदूर बनाओ योजना पर काम कर रही है। भाजपा सरकार सरकारी स्कूल को बंद करने का षड्यंत्र रच रही है।
कांग्रेस की सरकार आई तो शिक्षा बजट होगा दोगुना : भूपेश बघेल
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस सरकार आई तो शिक्षा बजट को दोगुना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य की रमन सरकार शिक्षा विभाग में खाली पड़े 54,000 पदों पर शिक्षकों के पदों को रिक्त रखकर, नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। वही लगभग 3000 से अधिक शासकीय स्कूलों को बंद कर शिक्षा के क्षेत्र का व्यवसायीकरण करने में लगी है। राज्य में ढाई सौ से अधिक हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल की दूरी से तय दूरी से अधिक होने एवं सरस्वती योजना के माध्यम से साइकिल का वितरण समय पर नही होने से बेटियां आठवीं कक्षा के बाद शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रही है। शिक्षा बजट कम कर बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है। इन क्षेत्रों को खेलो इंडिया के तहत स्कूलों में खेल उपकरण भी नहीं मिल पा रहे हैं। बजट कटौती से स्कूलों में शौचालय, पेयजल, विकलांग बच्चों के रेन बाउंड्री वाल अतिरिक्त कक्षाएं और प्रधान पाठक की कक्षाएं भी नहीं बन पाएगी है, यूनिफार्म, कॉपी-किताब भी नहीं मिल पायेगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान एवं सर्व शिक्षा अभियान को एक साथ मिलाकर समग्र शिक्षा योजना बनाई तो गयी है। शिक्षा बजट में कटौती के कारण समग्र शिक्षा योजना का लाभ यहां के छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पाएगा। यह रमन सरकार का बस्तर विरोधी सरगुजा विरोधी होने का और आदिवासी विरोधी होने का जीता जागता सबूत है।
रमन सरकार पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार विरोधी
रमन सरकार पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार विरोधी फैसले लेने में लगी है। भाजपा की सरकारें पांचवी अनुसूची क्षेत्र को शिक्षा के प्रकाश से वंचित रखकर पांचवी अनुसूची क्षेत्र की जल-जंगल-जमीन का दोहन करना चाहती है। भाजपा की सरकारें नहीं चाहती पांचवी अनुसूची क्षेत्र के बेटे बेटियां पढ़ लिखकर होनहार समझदार हो और अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़े और शोषणकारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ खड़े हो सके।
उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र को शिक्षा के प्रकाश से दूर रखकर रमन सरकार अपने भाजपा समर्थित उद्योगपतियों को पांचवी अनुसूची क्षेत्र के जल, जंगल, जमीन पर आसानी से कब्जा दिलाना चाहती है।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र को विकास कार्यों से दूर रखकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार से वंचित रखा गया, ताकि उस क्षेत्र के निवासी, क्षेत्र छोड़ने मजबूर हो और भाजपा समर्थित उद्योगपति आसानी से उस क्षेत्र के खनिज संपदा जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करें। इसी वजह से मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के शिक्षा बजट में कटौती कर नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
(विज्ञप्ति)