जन मंच ने मोदी सरकार द्वारा किये विदेशी चंदा कानून में संशोधन का विरोध किया
पार्टियों के विदेशी चंदा लेने पर रोक लगे –जन मंच
बदायूँ, (उत्तर प्रदेश) 20 मार्च। राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा लेने की छूट देने व 1976 के बाद पार्टियों को मिले विदेशी चंदे की जाँच पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार द्वारा संसद में पास कराये कानून का जन मंच व मजदूर किसान मंच ने विरोध किया है।
आज जारी बयान में मजदूर किसान मंच के प्रदेश संयोजक व जन मंच के प्रवक्ता अजीत सिंह यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा लेने की छूट मोदी सरकार का देशद्रोही कदम है।
इसके साथ ही 1976 के बाद राजनीतिक दलों को मिले चंदे की हर जाँच पर रोक लगाने को संसद में कानून बनाकर मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को खुली छूट तो दी ही है पारदर्शिता का गला घोंट दिया है ,सर्वोपरि देशहित को नुकसान पहुचाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनी वेदांता से चंदा लेते रंगे हाथ पकड़ी गई भाजपा और कांग्रेस पार्टियों को सजा देने का आदेश 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था ,मोदी सरकार ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को सजा से बचाने के लिए विदेशी चंदा नियमन कानून 1976 व् 2010 में संशोधन कर जाहिर कर दिया उसकी मंशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों को बचाने की है।
मजदूर किसान नेता ने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम ने जाहिर कर दिया है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने व देश को नुकसान पहुंचाने में भाजपा और कांग्रेस पार्टियों में मिलीभगत है।उन्होंने कहा कि इस कानून के बनने के बाद कोई भी विदेशी कंपनी राजनीतिक दलों को चंदा देकर अपना काम कराने का दबाब बना सकती है यहाँ तक की देश हित को नुकसान पहुंचा सकती है।
उन्होंने मोदी सरकार से विदेशी चंदा नियमन कानून 1976 व् 2010 में किये संशोधनों को तत्काल वापस लेने और राजनीतिक दलों के विदेशी चंदा लेने पर रोक लगाने ,विदेशी कंपनी वेदांता से भाजपा और कांग्रेस पार्टियों द्वारा गैर कानूनी तौर पर लिए चंदे के मामले में 2014 के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग की है।