वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर नए रिकॉर्ड तक पहुंचा
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Greenhouse gas levels in atmosphere reach new record
नई दिल्ली, 23 नवंबर। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) के अनुसार, वायुमंडल में गर्म ग्रीनहाउस गैसों का स्तर एक और नए रिकॉर्ड तक पहुंच गया है। इस प्रवृत्ति में एक उलटा कोई संकेत नहीं है, जिसके चलते दीर्घकालिक जलवायु परिवर्तन, समुद्र स्तर की वृद्धि, महासागर अम्लीकरण और अधिक चरम मौसम हो रहा है।
डब्लूएमओ ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन दिखाता है कि 2015 में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) की विश्व स्तर पर औसत सांद्रता 400.1 पीपीएम थी, जो 2016 में 403.3 पीपीएम और 2017 में 405.5 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) तक पहुंच गई।
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International agreement to protect the ozone layer
इस दौरान मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की सांद्रता का स्तर भी बढ़ गया, जबकि शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस और ओजोन घटाने वाले सीएफसी -11 नामक एक पदार्थ में उछाल था, जिसे ओजोन परत की रक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत विनियमित किया जाता है।
लंबे समय तक रहने वाले ग्रीनहाउस गैसों द्वारा जलवायु पर वार्मिंग प्रभाव डालने वाले विकिरण में 1991 से कुल 41% की वृद्धि हुई है।
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डब्लूएमओ बुलेटिन (WMO Bulletin) में उद्धृत अमेरिकी राष्ट्रीय महासागर और वायुमंडलीय प्रशासन (US National Oceanic and Atmospheric Administration) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दशक में कार्बन डाई ऑक्साइड रेडिएटिव फोर्सिंग में 82% की वृद्धि हुई है।
डब्लूएमओ के महासचिव पेटीरी तालास (WMO Secretary-General Petteri Taalas) ने कहा, "विज्ञान स्पष्ट है। CO2 और अन्य ग्रीनहाउस गैसों में तेजी से कटौती किए बिना, जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जीवन पर तेजी से विनाशकारी और अपरिवर्तनीय प्रभाव डालेगा। कार्रवाई करने के अवसर लगभग समाप्त हैं।"
श्री तालास ने कहा, "आखिरी बार पृथ्वी ने 3-5 मिलियन साल पहले 3-5 मिलियन साल पहले की ऐसी सांद्रता का अनुभव किया था, जब आज की तुलना में वैश्विक तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक था और समुद्र स्तर अब से 10 से 20 मीटर अधिक था।"
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डब्लूएमओ ग्रीन हाउस गैस बुलेटिन, ग्रीनहाउस गैसों के वायुमंडलीय सांद्रता पर रिपोर्ट करता है।
कुल उत्सर्जन का लगभग एक चौथाई महासागरों द्वारा और बाकी एक तिमाही जीवमंडल द्वारा अवशोषित किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण (यूएनईपी) द्वारा एक अलग उत्सर्जन गैप रिपोर्ट, आगामी 27 नवंबर को जारी की जाएगी। यह रिपोर्ट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए देशों द्वारा बनाई गई नीति प्रतिबद्धताओं को ट्रैक करती है।
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आईपीसीसी विशेष रिपोर्ट 2018
डब्ल्यूएमओ और यूएनईपी रिपोर्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस के ग्लोबल वार्मिंग पर जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) विशेष रिपोर्ट द्वारा प्रदान किए गए वैज्ञानिक साक्ष्य के शीर्ष पर आती हैं। आईपीसीसी रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए CO2 का शुद्ध उत्सर्जन वर्ष 2050 के आसपास शून्य तक पहुंच जाना चाहिए। यह रिपोर्ट दिखाती है कि तापमान बढ़ने को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने पर मानव कल्याण, पारिस्थितिक तंत्र और टिकाऊ विकास के जोखिम कम हो जाएंगे।