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उमर खालिद के भाषण के पीछे हाफिज सईद का हाथ खोज लेने वाली आईबी नजीब को नहीं खोज पा रही

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hastakshep
20 Oct 2016
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IB, which traces Hafiz Saeed's hand behind Umar Khalid's speech, is unable to find Najeeb

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जेएनयू की फर्जी सीडी को सच साबित करने में दिनरात खटने वाली दिल्ली पुलिस और गृहमंत्रालय इतना सुस्त क्यों

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लखनऊ 20 अक्टूबर 2016। रिहाई मंच ने जेएनयू में एबीवीपी के गुण्डों द्वारा छात्र नजीब अहमद के उत्पीड़न के बाद से ही नजीब के गायब होने की घटना के लिए एबीवीपी और एबीवीपी के खिलाफ कार्रवाई न करने वाले जेएनयू प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

मंच ने मांग की है कि ऐसे गैरजिम्मेदार वीसी को तत्काल पद से हटा देना चाहिए।

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मंच ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग की है कि वो तत्काल बदायूं के रहने वाले नजीब के विषय में जेएनयू प्रशासन व गृहमंत्री से वार्ता करें।

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रिहाई मंच ने जेएनयू में नजीब के इंसाफ के लिए चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है।

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रिहाई मंच लखनऊ प्रवक्ता अनिल यादव ने कहा कि 14 अक्टूबर से गायब जेएनयू के छात्र नजीब का पता लगाने पहुंची उनकी मां व बहन से जेएनयू प्रशासन का न मिलना और उनके साथ हिंसा करने वाले एबीवीपी के गुण्डों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करना साफ करता है कि जेएनयू प्रशासन ऐसे तत्वों को न सिर्फ पाल रहा है बल्कि उनके आपराधिक कृत्यों का संरक्षण भी कर रहा है।

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उन्होंने कहा कि पिछले 6 दिन से नजीब की मां और बहन जेएनयू के प्रशासनिक भवन के सामने इंसाफ के लिए बैठी हैं लेकिन कुलपति जगदीश कुमार का उनसे न मिलना साफ करता है कि कुलपति नजीब की कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते।

अनिल यादव ने कहा कि जो केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस जेएनयू के फर्जी वीडियो को सच साबित करने के लिए दिन-रात खट रहा था वो एक छात्र के गायब होने पर क्या सिर्फ इसलिए चुप है कि वह एबीवीपी का विरोधी था?

उन्होंने कहा कि उमर खालिद के भाषण देने के पीछे पाकिस्तान में बैठे आतंकी हाफिज सईद का हाथ खोज लेने वाला आईबी, नजीब के गायब होने के पीछे की वजह बता पाने में अक्षम क्यों है?

रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने कहा कि यूपी के बदायूं के वैदों टोला निवासी जेएनयू छात्र नजीब के बारे में कुछ पता न लगने की स्थिति में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जेएनयू प्रशासन व गृहमंत्री से वार्ता करें।

उन्होंने कहा कि जेएनयू जैसे संस्थान में घटित यह घटना साफ करती है कि एबीवीपी जैसे संगठन हिंसात्मक कार्रवाई पर उतारु हैं। पिछले दिनों बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ समेत यूपी के विभिन्न जगहों पर एबीवीपी के गुण्डों की अराजकता सामने आई है और विश्वविद्यालयों के परिसरों में संघ की शाखाएं लगातार लग रही हैं। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री इस बात को मानते हैं कि सरस्वती शिशु मंदिर में दंगाई पलते हैं तो फिर सरकार ऐसे संगठनों की अराजक गतिविधियों पर रोक लगाने से क्यों कतरा रही है।

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