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सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने जो किया वो गैरकानूनी और असंवैधानिक (Illegal and unconstitutional,) है - काटजू
दिल्ली, 08 अगस्त 2016। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीईआई) द्वारा खेल एवं प्रशासनिक सुधारों पर लोढ़ा समिति की सिफारिशों को समझने के लिए गठित कानूनी समिति के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत) मार्कण्डेय काटजू (Former Judge of the Supreme Court (retired) Markandey Katju) ने बीते रविवार को लोढ़ा समिति को असंवैधानिक करार दिया।
काटजू ने बोर्ड से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करने को भी कहा है।
अगर न्यायपालिका कानून बनाने लगी तो हम खतरनाक स्थिति में हैं।
प्रतिष्ठित समाचारपत्र देशबन्धु में प्रकाशित खबर के मुताबिक काटजू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,
"सर्वोच्च न्यायालय ने जो किया वो गैरकानूनी और असंवैधानिक है। यहां संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। संविधान के तहत हमारे यहां विधायिका, कार्यपालिका और न्यायापालिका हैं। कानून बनाना विधायिका का काम है। अगर न्यायपालिका कानून बनाने लगी तो हम खतरनाक स्थिति में हैं।"
काटजू ने कहा,
"मैंने बीसीसीआई से फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने को कहा है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय एक बाहरी समिति का गठन करेगी जो बीसीसीआई की सजा का फैसला करेगी।"
जबरदस्ती बीसीसीआई को नहीं बदल सकते सर्वोच्च न्यायालय और लोढ़ा समिति
काटजू ने कहा कि न ही सर्वोच्च अदालत और न ही लोढ़ा समिति कानून के बल पर जबरदस्ती बीसीसीआई को बदल सकते हैं, क्योंकि बीसीसीआई का संविधान तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत बना है।
उन्होंने कहा,
"सर्वोच्च न्यायालय और लोढ़ा समिति दोनों ने तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम का उल्लंघन किया है। उनके अपने ज्ञापन और उपनियम हैं। अगर आप संविधान बदलना चाहते हैं तो आपको विशेष प्रस्ताव को दो तिहाई बहुमत से पारित करना होगा।"
उन्होंने कहा,
"सोसायटी खुद ही अपने उपनियम बदल सकती है। वित्तीय अनियममिताएं और प्रशासनिक खामियां हो सकती हैं, इसके संबंध में सोसायटी के रजिस्ट्रार को पत्र लिखना चाहिए।"
If judiciary begins to form law then we are in a dangerous situation - Katju