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इम्यूनोथेरेपी कैंसर के इलाज में लाएगी नई क्रांति, कैंसर भारत में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण

इम्युनोलोजी (Immunology) खासतौर पर इम्युनो-ओंकोलोजी (Immuno-oncology) कैंसर के इलाज में नई क्रांति के रूप में उभर रही है। हमारे शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाएं यानी इम्यून सैल्स (Immune cells) कैंसर की मेलिग्नेन्ट कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं,

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hastakshep
11 Jan 2019 एडिट 05 Apr 2023
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Cancer news & research

Cancer is the second largest cause of death in India after diseases of the heart, Immunotherapy will bring new revolution in the treatment of cancer

नई दिल्ली, 11 जनवरी। इम्युनोलोजी (Immunology) खासतौर पर इम्युनो-ओंकोलोजी (Immuno-oncology) कैंसर के इलाज में नई क्रांति के रूप में उभर रही है। हमारे शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाएं यानी इम्यून सैल्स (Immune cells) कैंसर की मेलिग्नेन्ट कोशिकाओं (Malignant cell of cancer) से लड़ने में मदद करती हैं, इससे मरीज की बीमारी से लड़ने की ताकत इतनी मजबूत हो जाती है कि वह कैंसर का मुकाबला कर सकता है। दिल की बीमारियों के बाद कैंसर भारत में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा भारत में 2018 में कैंसर के कारण 8.17 फीसदी मौतें हुईं। एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक देश में विभिन्न प्रकार के कैंसर के कारण 8.8 लाख मौतें होंगी और 2030 तक आंकड़ा दोगुना होने का अनुमान है।

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चौंका देने वाले ये आंकड़े विशेषज्ञों को प्रेरित कर रहे हैं कि कैंसर के इलाज के लिए इम्यूनोथेरेपी जैसी कुछ आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दें।

कौन हैं डॉ अजीत सक्सेना

डॉ अजीत सक्सेना ने इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स द्वारा आयोजित एक प्रेस सम्मेलन में इम्युनोथेरेपी के फायदों के बारे में जानकारी दी। डॉ सक्सेना नई दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में यूरोलोजी के सीनियर कन्सलटेन्ट हैं।

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कैंसर के पारम्परिक उपचार के नुकसान के बारे में बताते हुए डॉ अजीत सक्सेना ने कहा,

"आमतौर पर कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, खासतौर पर तब जब कैंसर एडवान्स्ड अवस्था में हो। हालांकि इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह स्वस्थ कोशिकाओं और कैंसर की कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं कर सकता, जिसके कारण शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत जो पहले से कमजोर हो चुकी होती है, वह और भी कमजोर हो जाती है।"

डॉ मनीष सिंघल जो अपोलो हॉस्पिटल्स, नोएडा में सीनियर कन्सलटेन्ट ओंकोलोजिस्ट हैं, उन्होंने इम्युनोथेरेपी के फायदों पर बात करते हुए कहा, "बहुत से लोगों को इम्युनो-ओंकोलोजी से फायदा हुआ है। हर व्यक्ति की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इम्यून बूस्टर थेरेपी (Immune booster therapy) दी जाती है। इम्यून सेल्स विशेष रूप से कैंसर की कोशिकाओं पर ही हमला करती हैं, और शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। इससे न केवल रोग के दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है बल्कि इलाज के पारम्परिक तरीकों के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी मरीज को बचाया जा सकता है।"

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डॉ सक्सेना ने कहा,

"यह जरूरी है कि डॉक्टर इम्युनोथेरेपी के क्षेत्र में हो रहे शोध को जानें और अपने मरीजों के इलाज के लिए इन थेरेपियों का इस्तेमाल करें। इम्युनो ओंकोलोजी कैंसर के इलाज का आधुनिक तरीका है जिसमें व्यक्ति के अपने इम्यून सिस्टम का इस्तेमाल बीमारी से लड़ने के लिए किया जाता है। दुनिया भर में डॉक्टर और शोधकर्ता इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन कर रहे हैं। जरूरी है कि अडवान्स्ड स्टेज के कैंसर के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर इस तकनीक के बारे में जानें। यह ओंकोलोजी का भविष्य है। इस सम्मेलन के माध्यम से हम न केवल आम लोगों को बल्कि चिकित्सा समुदाय को भी कैंसर के इलाज की आधुनिक तकनीकों के बारे में जागरूक बनाना चाहते हैं।"

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