लखनऊ। असम के राज्यपाल (Governor of Assam) पीबी आचार्य (PB Acharya) के देशद्रोही वक्तव्य हिन्दुस्तान हिन्दुओं के लिए है, का कड़ा उत्तर देते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव व उत्तर प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री मौहम्मद आज़म खां (Mohammad azam khan) ने कहा है कि भारत के मुसलमान (Muslims of India) पाकिस्तान (Pakistan) जाने के बजाय कब्रिस्तान जाना बेहतर समझेंगे।
आज़म खां ने कहा कि ये कोई पहली बात नहीं है, जो गवर्नर साहब ने कही है। संवैधानिक पद (Constitutional post) पर बहुत बड़ी कुर्सी पर बैठे हुए व्यक्ति ने कही है, लेकिन जो लोग सांसद हैं, वे संवैधानिक व्यवस्था के तहत ही सांसद हैं।
सपा महासचिव ने कहा कि संविधान का बहुत खुला मज़ाक उड़ाया जा रहा है। लग ये रहा है कि देश में संविधान नाम की कोई चीज़ है नहीं और अगर है तो उसे खतम करने की बड़ी जबर्दस्त कोशिश चल रही है।
आज़म ने कहा कि हम पाकिस्तान जाने के बजाए कब्रिस्तान जाना बेहतर समझेंगे । हमारे लिए कब्रिस्तान का इंतजाम कर दें। पाकिस्तान तो हम नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा, हां! अगर गवर्नर साहब को हमारे साथ यहां रहने में कोई तकलीफ है, तो नेपाल चले जाएं। उनके लिए मेरे खयाल से नेपाल के दरवाज़े बंद नहीं होंगे।
सपा नेता ने कहा कि ऐसे सभी लोग, जो बहुत चुटकी भर लोग हैं और देश को सिविल वार की तरफ ले जाना चाहते हैं, वो अपना रास्ता तय करें।
एक सवाल के उत्तर में आज़म खां ने कहा, अब गवर्नर की शिकायत किससे करें? राष्ट्रपति के संज्ञान में तो सब कुछ है, राष्ट्रपति तो कई बार प्रधानमंत्री को भी चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन बापू के हत्यारों से और क्या उम्मीद करेंगे आप?
उन्होंने कहा ये सारी बातें संविधान को अपमानित करने की हैं। 6 दिसंबर 1992 को जो कुछ हुआ, वो भी खुला संविधान का मज़ाक था, क्योंकि उप्र में भारतीय जनता पार्टीकी सरकार थी, कल्याण सिंह साहब मुख्यमंत्री थे, और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन की सज़ा भी दी थी।