‘फिट इंडिया’ : न खाएं जंक फूड

hastakshep
20 Sep 2019
‘फिट इंडिया’ : न खाएं जंक फूड

जंक फूड, गतिहीन जीवनशैली, तंबाकू और शराब का सेवन मोटापा, कार्डियोलॉजी के बढ़ते मामलों के मुख्य कारण Junk food, sedentary lifestyle, tobacco and alcohol consumption and obesity are the main reasons for the increasing cases of cardiology.

हृदय रोग दुनिया में मृत्यु और विकलांगता के मुख्य कारणों में से एक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 17.5 मिलियन से अधिक लोग हृदय रोग से संबंधित किसी न किसी रोग जैसे कोरोनरी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, दिल की विफलता और स्ट्रोक आदि से पीड़ित हैं। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच, कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर, डायबिटीज की जांच, धूम्रपान न करना, संतुलित वजन और नियमित एक्सरसाइज से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।

फिट इंडिया’ आंदोलन में योगदान के लिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव (Fortis Memorial Research Institute, Gurgaon) ने लखनऊ के आशियाना में एक मुफ्त कार्डियोलॉजी और ऑन्कोलॉजी शिविर का आयोजन किया जहां 450 मरीजों की मुफ्त स्क्रीनिंग की गई।

सीटीवीएस के निदेशक और हेड, डॉ. उदगीथ धीर ने बताया कि, हमें लखनऊ और सेंट्रल उत्तर प्रेदश में कार्डियोलॉजी के कई मामलों का पता चला। लखनऊ में हमारे स्वास्थ्य शिविर की मदद से हम लोगों को जागरुक करना चाहते हैं कि समय पर इलाज से न केवल इसे ठीक किया जा सकता है, बल्कि इसे पूरी तरह से खत्म भी किया जा सकता है। यदि कार्डियक अरेस्ट का इलाज कुछ ही मिनटों में शुरू कर दिया जाए तो व्यक्ति को ठीक करना संभव है।

इस कैंप में लगभग 200 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 30  प्रतिशत लोग हृदय रोग के किसी न किसी रूप से पीड़ित थे।

जंक फूड, गतिहीन जीवनशैली, तंबाकू और शराब का सेवन और मोटापा कार्डियोलॉजी के बढ़ते मामलों के मुख्य कारण हैं।” कैंसर, दुनियाभर में होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण है और 2008 में कैंसर के कारण लगभग 7.6 मिलियन लोगों की जानें गई थीं। 2030 तक दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतो की संख्या बढ़कर 13 मिलियन हो जाएगी।

कई कैंसरों को रोका जा सकता है लेकिन उसके लिए लोगों को तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, अस्वस्थ्य डाइट और गतिहीन जीवनशैली पर रोक लगाना होगा।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट सलाहकार डॉ. आलोक तिवारी ने बताया कि, हम कैंसर की पहचान के लिए शुरुआती जांच और स्क्रीनिंग के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहते हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो गतिहीन जीवनशैली का परिणाम है। लोग अक्सर कैंसर के सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण स्थिति गंभीर हो जाती है। हम भारत में कैंसर की बढ़ती समस्याओं के बारे में समाज को सचेत करना चाहते हैं। कैंसर के रोगियों में जोखिम के मुख्य कारकों में मोटापा भी शामिल है। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर का खतरा ज्यादा होता है, जो भारत में एक आम समस्या बन गई है।

डॉ. ऋतु गर्ग ने बताया कि, “एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता होने के नाते हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली को जीने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना है। यदि लोगों को बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी होगी और वे शुरुआती जांच के महत्व को समझने लगेंगे, तो कैंसर की आधी लड़ाई इसी से जीती जा सकती है। इस शिविर को आयोजित करने का हमारा उद्देश्य समाज को शिक्षित करना और उन्हें मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। हमें खुशी है कि इस कैंप में इतने सारे लोगों ने भाग लिया। हम भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम जारी रखेंगे और लोगों को स्वस्थ जीवन और गतिशील जीवनशैली के महत्व के बारे में शिक्षित करते रहेंगे।”

अगला आर्टिकल