/hastakshep-prod/media/post_banners/HODE1NT7OrWJbSUbLi3a.jpg)
विकलांगजन अधिनियम 1995 (The Persons with Disabilities Act of 1995) संविधान के अनुच्छेद 253 (Article 253 of the constitution,) सह पठित संघ सूची की मद क्रम संख्या 13 के अंतर्गत अधिनियमित किया गया है। यह एशियाई एवं प्रशांत क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों की पूर्ण भागीदारी और समानता की उद्घोषणा को कार्यान्वित करता है और उनकी शिक्षा, उनके रोजगार, बाधारहित परिवेश का सृजन, सामाजिक सुरक्षा, इत्यादि का प्रावधान करता है।
विकलांगजन अधिनियम 1995 (पीडब्ल्यूडी अधिनियम 1995 की व्याख्या) के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों सहित यथोचित सरकारों द्वारा एक बहु कार्यक्षेत्र सहयोगात्माक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
- समान अवसर देने, उनके अधिकारों के संरक्षण और सहभागिता के लिये, जो व्यक्ति 40 फीसदी या उससे अधिक विकलांग है, उसे चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित किया जायेगा। इसमें दृष्टि हीनता, दृष्टिबाध्यता, श्रवण क्षमता में कमी, गति विषयन बाध्यता शामिल है।
- विकलांग व्यक्तियों को अविकलांग व्यक्तियों की तरह समान अवसर का अधिकार और कानूनी अधिकारों की सुरक्षा का अधिकार है।
- जीवन के कार्यों में अविकलांग व्यक्तियों के बराबर पूर्ण भागीदारी का अधिकार है।
- विकलांगों को देखभाल और जीवन की प्रमुख धारा में उन्हें पुनर्वासित किए जाने का अधिकार है।
हर विकलांग के बच्चे को 18 वर्ष की आयु तक उपयुक्त वातावरण में नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार है। सरकार को विशेष शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष स्कूल स्थापित करने चाहिए, सामान्य स्कूलों में विकलांग छात्रों के एकीकरण को बढ़ावा देना चाहिए और विकलांग बच्चों के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए अवसर मुहैया कराने चाहिए।
पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुके विकलांग बच्चे मुक्त स्कूल या मुक्त विश्वविद्यालयों के माध्यम से अंशकालिक छात्रों के रुप में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं और सरकार से विशेष पुस्तकें और उपकरणों को नि:शुल्क प्राप्त करने का उन्हें अधिकार है। सरकार का यह कर्तव्य है कि वह नए सहायक उपकरणों, शिक्षण सहायक साधनों और विशेष शिक्षण सामग्री का विकास करें ताकि विकलांग बच्चों को शिक्षा में समान अवसर प्राप्त हों।
विकलांग बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार को शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करें, विस्तृत शिक्षा संबंधी योजनाएं बनाएं, विकलांग बच्चों को स्कूल जाने-आने के लिए परिवहन सुविधाएं देनी हैं, उन्हें पुस्तकें, वर्दी और अन्य सामग्री, छात्रवृत्तियां, पाठ्यक्रम और नेत्रहीन छात्रों को लिपिक की सुविधाएं दें।
केंद्र सरकार के कार्यालयों व इसके अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निचले वर्गों (वर्ग 'ग’ व 'घ’) के पदों में से 3 प्रतिशत विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित हों। यह आरक्षण दृष्टि की, श्रवण की तथा अन्य शारीरिक अक्षमताओं से प्रभावित व्यक्तियों के बीच समान रूप से बंटा हो। सरकारी और सरकार से अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं को कम से कम 3 प्रतिशत सीटें विकलांगों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। ऐसे कर्मचारी को जो सेवाकाल में विकलांग हो गया है, इस विकलांगता की वजह से काम से नहीं निकाला जा सकता है या पदावनत नहीं किया जा सकता है, लेकिन उसे उसकी वेतन और भत्तों के साथ दूसरे पद पर भेजा जा सकता है। सेवाकाल में शारीरिक क्षति होने पर किसी कर्मचारी को पदोन्नति के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
सभी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में इस बात की व्यवस्था है कि कम से कम तीन फीसदी लाभार्थी विकलांग वर्ग के हों।
- दृष्टिहीनता, श्रवण विकलांग और प्रमस्तिष्क अंगघात से ग्रस्त विकलांगजनों की प्रत्येक श्रेणी के लिए आरक्षण होगा। इसके लिए प्रत्येक तीन वर्षों में सरकार द्वारा पदों की पहचान की जाएगी। भरी न गई रिक्तियों को अगले वर्ष के लिए ले जाया जा सकता है।
विकलांगजनों को रोजगार देने के लिए सरकार को विशेष रोजगार केन्द्र स्थापित करे।
सभी सरकारी शैक्षिक संस्थान और सहायता प्राप्त संस्थान 3 सीटों को विकलांगजनों के लिए आरक्षित रखेंगे। रिक्तियों को गरीबी उन्मूलन योजनाओं में आरक्षित रखना है।
नियोक्ताओं को प्रोत्साहन भी देना, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके द्वारा लगाए गए कुल कर्मचारियों में से 5 व्यक्ति विकलांग हैं।
आवास और पुनर्वास के उद्देश्यों के लिए विकलांग व्यक्ति रियायती दर पर जमीन के तरजीही आवंटन के हकदार होंगे।
विकलांग व्यक्तियों के साथ परिवहन सुविधाओं, सड़क पर यातायात के संकेतों या निर्मित वातावरण में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। सरकारी रोजगार के मामलों में विकलांग व्यक्तियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
/hastakshep-prod/media/post_attachments/14Cjr0jTzMtNTywl1WxM.jpg)
सरकार विकलांग व्यक्तियों या गंभीर विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के संस्थानों की मान्यता निर्धारित करेगी। प्रमुख आयुक्त और राज्य आयुक्त विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित शिकायतों के मामलों की जांच करेंगे। सरकार और स्थानीय प्राधिकरण विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास का कार्य करेंगे, गैर-सरकारी संगठनों को सहायता देंगे, विकलांग कर्मचारियों के लिए बीमा योजनाएं बनाएंगे और विकलांग व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना भी बनाएंगे। छलपूर्ण तरीके से विकलांग व्यक्तियों के लाभ को लेने वालों या लेने का प्रयास करने वालों को 2वर्ष की सजा या 20,000 रुपए तक का जुर्माना होगा।
Know everything about the The Persons with Disabilities Act of 1995
स्रोत - देशबन्धु