कश्मीर : जानिए कौन हैं मुजफ्फ़र हुसैन बेग़ और सज्जाद लोन
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Know who are Muzaffar Hussain Baig and Sajjad Gani Lone
अशोक कुमार पांडेय
मुजफ्फ़र हुसैन बेग़ (Muzaffar Hussain Baig) मिर्ज़ा अफ़ज़ल बेग़ के साहबजादे हैं। मिर्ज़ा साहब शेख़ अब्दुल्ला के कॉमरेड इन आर्म्स थे। सब साथ छोड़ गए उनका लेकिन मिर्ज़ा साहब बने रहे। जब-जब शेख़ गिरफ़्तार हुए मिर्ज़ा भी हुए। लाठियाँ खाई। शेख़ की लम्बी गिरफ़्तारी के वक़्त जब नेशनल कांफ्रेंस पर बख्शी ग़ुलाम मोहम्मद और फिर ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ का क़ब्ज़ा हुआ तो मिर्ज़ा साहब ने प्लेबिसाईट फ्रंट बना लिया था। सादिक़ ने तो पार्टी कांग्रेस में मिला दी। खैर जब शेख़ आज़ाद हुए तो पार्टी फिर से गठित की गई और मिर्ज़ा ने प्लेबिसाईट फ्रंट को पार्टी में मिला दिया। तो इस क़दर साथ रहे वह...
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लेकिन अपनी मौत से थोड़ा पहले जब शेख़ साहब ने मिर्ज़ा साहब को किनारे कर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को जाँनशीन घोषित किया तो मिर्ज़ा साहब टूट गए।
मुज़फ्फ़र बेग़ ने हार्वर्ड से क़ानून की पढ़ाई की, दिल्ली की बड़ी लॉ फर्म्स की मुलाज़मत की और राजनीति पीडीपी में की। उपमुख्यमंत्री रहे और कभी उसके चेहरे की तरह देखे जाते रहे। मेहबूबा के सबसे क़रीबियों में।
अब उन्होंने सज्जाद लोन Sajjad Lone के साथ जाने की घोषणा की है। सज्जाद भाजपा के साथ हैं और अब्दुल गनी लोन के साहबज़ादे। लोन ने कांग्रेस के साथ राजनीति की शुरुआत की और 1978 में जब पीपल्स कांफ्रेंस बनाकर "अलगाववादी" हुए तो भी हिन्दुस्तान के क़रीबी नेताओं में गिने जाते थे। २१ मई को पाकिस्तानपरस्त आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला तो शक़ की सूइयाँ गीलानी तक पहुँचीं।
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खैर बात तो बेग़ साहब की हो रही थी...बात भी क्या बस यों ही सोचते हुए लगा पॉलिटिक्स इज़ अ....
(अशोक कुमार पांडेय, कश्मीरनामा के लेखक हैं।)
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