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Former Supreme Court judge said, "Lat sahab end this madness in Kashmir"
नई दिल्ली, 21 अक्तूबर 2019. सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू (Justice Markandey Katju, retired judge of the Supreme Court) ने कश्मीर में जारी लॉक डाउन पर अपरोक्ष रूप से मोदी सरकार को फटकारते हुए कहा है कि लाट साहब, कश्मीर में इस पागलपन को खत्म करो।
जस्टिस काटजू ने अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर लिखा कि लाट साहब, कश्मीर में इस पागलपन को खत्म करिए। यद्यपि कश्मीर में पोस्ट पेड मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है (72 दिनों के बाद), इंटरनेट को बहाल नहीं किया गया है।
उन्होंने लिखा कि “मैं राज्यपाल (या जो कोई भी कश्मीर पर शासन कर रहा है, चूंकि यह स्पष्ट है कि बेचारा आदमी केवल एक कठपुतली है) से अपील करता हूं इंटरनेट सुविधाओं को तुरंत बहाल करें।“
जस्टिस काटजू ने लिखा कि यह महसूस किया जाना चाहिए कि इंटरनेट आजकल एक लक्जरी नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है, जिस तरह मोबाइल फोन एक लक्जरी नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, कई फॉर्म घर बैठे ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं, लेकिन कश्मीर में ऐसा करने के लिए अक्सर 20 किलोमीटर या उससे अधिक की यात्रा करनी पड़ती है। हवाई या ट्रेन आरक्षण के संबंध में भी ऐसा ही है। ईमेल इंटरनेट के माध्यम से भेजे जा सकते हैं, और ईमेल आज एक आवश्यकता है, एक लक्जरी नहीं।
उन्होंने लिखा कि कश्मीर के श्री शासक (आप जो भी हैं), कृपया होश में आएं और इंटरनेट को फिर से बहाल करें यदि आप भारत से कश्मीरियों को और अलग नहीं करना चाहते हैं। पहले से ही आपने काफी नुकसान किया है।
कौन हैं मार्कंडेय काटजू?
अपने ऐतिहासिक फैसलों के लिए प्रसिद्ध रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए उसके बाद वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे। आजकल वह अमेरिका प्रवास पर कैलीफोर्निया में समय व्यतीत कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं और भारत की समस्याओं पर खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
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