इस अवसर पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 'संविधान. लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्षता के समक्ष चुनौतियां' विषय पर बोलते हुए डॉ कांगो ने कहा कि अम्बेडकर साहब व्यक्ति का जाति के आधार पर नहीं कर्म के आधार पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
संघ परिवार भारतीय संविधान को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है, वहीं वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतें संविधान को बचाए रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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आजादी की लड़ाई में संघ का कोई योगदान नहीं था।
डां अम्बेडकर ने संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया था और संघ उसका भी विरोध किया था।
मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने का विरोध हिन्दुत्ववादी शक्तियों ने किया था।
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लोकतंत्र बचाए रखने के लिए संविधान और स्वतंत्र न्यायपालिका होने की आवश्यकता होती है। डॉ. अम्बेडकर ने इस कार्य को किया था, किन्तु सत्तारूढ़ दल संविधान और उच्चतम न्यायालय को समाप्त कर देने प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव डॉ गिरीश, राज्य सह सचिव अरविन्द राजस्वरूप, निशां राठौर, मीनाक्षी, लोकसंघर्ष पत्रिका के सम्पादक ब्रज मोहन वर्मा, प्रबंध सम्पादक रणधीर सिंह सुमन, किसान सभा के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, प्रवीण कुमार, बदायूं के जिला सचिव रघुराज सिंह, अजय सिंह आदि प्रमुख नेता मौजूद थे।
पार्टी द्वारा प्रदेश के नेतृत्व वर्ग का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बदायूं में आयोजित किया है।
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