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गांधी के हत्यारों का स्वांग : गांधी को शैतान की औलाद बताने वाले और गांधी के हत्यारे एक सुर में गीत गा रहे हैं

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गांधी के हत्यारों का स्वांग : गांधी को शैतान की औलाद बताने वाले और गांधी के हत्यारे एक सुर में गीत गा रहे हैं

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शारीरिक हत्या के बाद अब उनके हत्यारे विचारों की हत्या कर उनका मजाक बना रहे हैं। जनता कुपोषण और भुखमरी का शिकार हो रही है दूसरी तरफ शौचालय निर्माण युद्ध स्तर पर हो रहे हैं, बगैर खाए शौचालय इस्तेमाल योजना चल रही है। भारी संख्या में नौकरी पेशा लोगों की नौकरियां छीनी जा रही  हैं। भारी संख्या में बच्चे एनीमिया के शिकार हो गए हैं। पढ़े लिखे नौजवान बेरोजगार हैं। बैक के घोटालेबाज बेरोकटोक विदेश भाग रहे हैं।

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जनता के ऊपर तरह - तरह के टैक्स लगाकर भूखों मरने के लिए मजबूर कर दिया है।

राज्य पुनर्गठन (State reorganization) के नाम पर पूरे राज्य को जेल बना दिया गया है। आपातकाल से भी ज्यादा गिरफ्तारियां (More arrests than emergency) की गयी हैं। असम में लाखों लोगों को कैद कर श्रद्धांजलि दी जा रही है।

देश को 1947 की स्थिति में वापस ले जाया जा रहा है। बीएसएनएल, डाक, बीमा, रेलवे, बैंक व रिजर्व बैंक तक तबाह हो गए हैं। विदेश में भी साख समाप्त हो रही है। वहीं हत्यारों का स्वांग जारी है। कोई सफाई अभियान के नाम साफ सड़कें साफ कर रहा है। कोई प्लास्टिक को इकट्ठा कर नया ड्रामा कर है। विधानसभा का विशेष सत्र हो रहा है। गांधी को शैतान की औलाद बताने वाले और गांधी के हत्यारे एक सुर में गीत गा रहे हैं।

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आज सुप्रसिद्ध गांधी वादी विचारक हिमांशु कुमार ने लिखा है - - -

गोडसे को लगा कि गांधी राष्ट्रभक्त नहीं है,

गोडसे को यह भी लगा कि मैं ज्यादा राष्ट्रभक्त हूँ,

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तो गोडसे ने गांधी को गोली से उड़ा दिया,

यह है इनका राष्ट्रभक्ति पर फैसला करने का तरीका,

और यह है इनकी समझ।

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इस समझ और इस तरीके से यह सबकी राष्ट्रभक्ति पर फैसला करने वाले न्यायाधीश बने घूमते हैं।

यही मूर्खता हिंदुत्व की राजनीति का आधार है,

जिस राष्ट्र की यह भक्ति करते हैं इनके उस राष्ट्र में देश की जनता नहीं है,

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इनके सपने के राष्ट्र में आदिवासी नहीं हैं, दलित नहीं हैं, मुसलमान नहीं हैं, इसाई नहीं हैं, कम्युनिस्ट नहीं हैं, कांग्रेस नहीं है, केजरीवाल नहीं है।

इनका राष्ट्र कल्पना का राष्ट्र है,

सचमुच का देश नहीं।

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इनसे कभी पूछिए कि अच्छा तुम मुसलमानों को इतनी गाली बकते हो,

तो अगर तुम्हारे मन की कर दी जाय तो तुम मुसलमानों के साथ क्या करोगे ?

क्योंकि तुम भारत से मुसलमानों के सफाए के नाम पर हज़ार दो हज़ार को ही मार पाते हो,

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भारत में तो करीब बीस करोड़ मुसलमान हैं,

क्या करोगे इनके साथ ?

क्या सबको मारना चाहते हो ?

या सबको हिन्दू बनाना चाहते हो ?

या सबको भारत से बाहर भगाना चाहते हो ?

क्यों नफरत करते हो उनसे ?

करना क्या चाहते हो ?

तो यह संघी बगलें झाँकने लगते हैं।

मेरे एक दोस्त नें एक बार एक संघी नेता से पूछा,

कि आप अखंड भारत फिर से बनाने की बात संघ की शाखा में करते हैं,

और कहते हो कि अफगानिस्तान, बंगलादेश, पकिस्तान सबको मिला कर  अखंड भारत बनाना है।

लेकिन यह सभी देश तो मुस्लिम बहुल हैं,

तो अगर इन्हें भारत में मिलाया गया तो भारत में मुसलमान बहुमत में हो जायेंगे।

और अगर हम इन्हें हिन्दू बनाना चाहते हैं तो इतनी बड़ी आबादी को हम थोड़े से हिन्दू कैसे बदल पायेंगे ?

इस पर वह संघी नेता आंय बायं करने लगे और कोई जवाब नहीं दे पाए।

आरएसएस की कोई समझ नहीं है।

ये मूर्खों और कट्टरपंथियों का जमावड़ा है,

Randhir Singh Suman CPI इनका काम भाजपा के लिए वोट बटोरने और उसके लिए हिन्दू युवकों के मन में ज़हर भरते रहने का है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक सेवक संघ नें जितना नुकसान भारत का किया है उतना कोई विदेशी शत्रु भी नहीं कर पाया।

भारत के युवा जब तक खुले दिमाग और खुली समझ वाले नहीं बनेंगे,

जब तक युवा देश की जाति, सम्प्रदाय और आर्थिक लूट की समस्या को हल नहीं करेंगे,

भारत इसी दलदल में लिथडता रहेगा,

यह साम्प्रदायिक जोंकें भारत का खून ऐसे ही पीती रहेंगी,

(हिमांशु कुमार)

आज जरूरत इस बात की है कि स्वांग करने वाले गांधी के हत्यारों के से देश को मुक्ति दिलाने का संकल्प लें और देश को बचाएं।

रणधीर सिंह सुमन

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