नई दिल्ली, 29 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उपहास उड़ाना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अफसरों को बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
प्रतिष्ठित समाचारपत्र देशबन्धु में प्रकाशित खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उपहास उड़ाने वाले एक सरकारी कर्ममारी को निलंबित कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि हिफाजत उल्ला ने मोदी की तरफ इशारा करते हुए लिखा था,
खबर के मुताबिक जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने सचिव का स्पष्टीकरण खारिज करते हुए उसे निलंबित कर दिया है। इसकी जानकारी मंगलवार को एक अधिकारी ने दी।
खबर के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह जिले में मीरगंज के सचिव हिफाजत उल्ला खां ने स्वच्छ भारत मिशन के व्हाट्स ग्रुप पर प्रधानमंत्री मोदी, मुकेश अंबानी और टीना अंबानी का फोटो पोस्ट किया था। फोटो में मोदी मुकेश और टीना अंबानी से हाथ मिला रहे हैं।
“और कोई आदेश भाभी जी, जियो लांच करा दिया। काला धन सफेद करा दिया। आरबीआई गर्वनर आपके जानकार को बना दिया। और कोई सेवा हो तो बताना।”
दरअसल, इस ग्रुप से डीएम और सीडीओ के जुड़े होने की वजह से मामला एकदम अधिकारियों तक पहुंच गया। टिप्पणी को लेकर कई अधिकारियों ने ग्रुप पर ही आपत्ति दर्ज कराई थी। ग्रुप सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी के लिए बनाया गया था।
इस तरह की पोस्ट पर जिलाधिकारी पंकज यादव ने नाराजगी जताते हुए सीडीओ शिव सहाय अवस्थी को कार्रवाई के आदेश दिए थे।
सीडीओ के आदेश पर डीपीआरओ ने सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा था।
पीएम का पद संवैधानिक, सरकारी कर्मचारी पीएम पर कमेंट नहीं कर सकता- डीपीआरओ
हिफाजत उल्ला खां की ओर से हालांकि जवाब में गलती से ग्रुप में प्रधानमंत्री का फोटो पोस्ट होने की बात कही गई। सीडीओ ने हिफाजत के तर्क को खारिज कर डीपीआरओ को कार्रवाई के आदेश दे दिए।
डीपीआरओ टी. सी. पांडेय ने कहा कि पीएम का पद संवैधानिक है। सरकारी कर्मचारी पीएम पर कमेंट नहीं कर सकता। सचिव ने मर्यादा तोड़ी है। व्हाट्सएप पर प्रधानमंत्री के बारे में कमेंट करने वाले सचिव को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है।
सवाल उठ रहे हैं कि क्या वास्तव में ये संवैधानिक पद के उपहास का मामला है या उत्तर प्रदेश के अफसरों ने राजनैतिक लाइन ले ली है।