नई दिल्ली, 2 जून 2019. एक शोध में सामने आया है कि कम अंतराल पर बहुत सारा एनर्जी ड्रिंक लेने से रक्तचाप बढ़ सकता है और हृदय की लय बाधित हो सकती है। आमतौर पर किशोर और युवा एनर्जी ड्रिंक ज्यादा लेते हैं। समय की मांग है कि उन्हें इस बारे में जागरूक किया जाए कि एनर्जी ड्रिंक का उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है (Effects of energy drink on body)।
Advertisment
एनर्जी ड्रिंक के खतरे Danger of energy drink.
Advertisment
ऊर्जा पेय में कैफीन, टॉरिन और अन्य उत्तेजक पदार्थो के उच्च स्तर होते हैं, और इनके दुष्प्रभावों को लेकर हमेशा बहस होती रही है। ये पेय रक्तचाप (बीपी) बढ़ाते हैं और इससे दिल के दौरे की आशंका (Heart attack fear) बनी रहती है। इसके अलावा जानलेवा अतालता या एरिदमिया रोग (arrhythmia) हो सकता है।
Advertisment
Symptoms of arrhythmia
Advertisment
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल का कहना है कि दो से अधिक एनर्जी ड्रिंक लेने से दिल को नुकसान पहुंच सकता है और यह एरिदमिया या असामान्य हृदय-लय जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है। इस स्थिति में दिल धड़कने की दर या तो बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाती है।
Advertisment
उन्होंने कहा कि एनर्जी ड्रिंक शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों को रक्त की पर्याप्त आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
Advertisment
एरिदमिया आमतौर पर एक बीमार हृदय में होता है और अक्सर छुपा हुआ रह सकता है। इस स्थिति का पता बाद में लगे, इससे अच्छा है कि समय पर चेकअप करा लिया जाए, वरना यह जीवन के लिए घातक हो सकता है।
Advertisment
80 साल की उम्र तक जीनेका फॉर्मूला Live formula till the age of 80
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा,
"दिल को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। डॉक्टर के रूप में, हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम मरीजों को स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे बुढ़ापे में बीमारियों के बोझ से बच सकें। मैं अपने मरीजों को 80 साल की उम्र तक जीने के लिए 80 का फॉर्मूला सिखाता हूं।"
80 का सूत्र इस प्रकार है :
-लो ब्लड प्रेशर, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) बैड कोलेस्ट्रॉल, फास्ट शुगर, हार्ट रेट और पेट के निचले हिस्से को 80 से नीचे रखें।
-किडनी और फेफड़े के कार्य 80 प्रतिशत से ऊपर रखें।
-शारीरिक गतिविधि (न्यूनतम 80 मिनट प्रति सप्ताह जोरदार व्यायाम) में व्यस्त रहें। प्रतिदिन 80 मिनट पैदल चलें, कम से कम 80 कदम प्रति मिनट की गति से 80 मिनट प्रति सप्ताह पैदल चलें।
-कम खाएं और प्रत्येक भोजन में कम 80 ग्राम या एमएल कैलोरी लें।
-निर्धारित होने पर रोकथाम के लिए 80 मिलीग्राम एटोरवास्टेटिन लें, शोर का स्तर 80 डीबी से कम रखें।
-पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को 80 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे रखें।
-दिल की कंडीशनिंग वाले व्यायाम करते समय लक्ष्य हृदय गति 80 प्रतिशत रखें।