Advertisment

विश्वभर में प्रत्येक 11 में से एक वयस्क मधुमेह से पीड़ित

author-image
hastakshep
17 Apr 2019

Advertisment

मधुमेह के क्षेत्र में नए अनुसंधानों पर हुई चर्चा

Advertisment

गाजियाबाद, 17 अप्रैल। अगर डॉक्टरों की मानें तो मधुमेह यानी डायबिटीज़ (Diabetes) असल में पांच अलग-अलग बीमारियां हैं और इन सभी का इलाज भी अलग-अलग होना चाहिए। डायबटीज शरीर में शुगर की मात्रा (Amount of sugar in the body) बढ़ जाने पर होती है, और इसे सामान्यतः दो प्रकारों में बांटा गया है टाइप-1 और टाइप-2.

Advertisment

विश्वभर में प्रत्येक 11 में से एक वयस्क मधुमेह से पीड़ित है. मधुमेह की वजह से दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक, अंधापन और किडनी फेल होने के खतरे बने रहते हैं,

Advertisment

यह जानकारी आज के समय की भयावह बीमारियों में से एक मधुमेह रोग पर डॉक्टरों ने यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी में एक मेडिकल सेमिनार में हुई चर्चा में दी।

Advertisment

मेडिकल सेमिनार (Medical seminar) का उद्घाटन यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की निदेशक श्रीमती उपासना अरोड़ा ने किया। इस कांफ्रेंस में ट्रांस हिंडन, गाज़ियाबाद के 50 चिकित्सकों ने भाग लिया। वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ (Diabetologist in Delhi/NCR) डॉक्टर अमित छाबड़ा ने सेमिनार को सम्बोधित किया।

Advertisment

बुधवार को आयोजित मेडिकल कांफ्रेंस में मधुमेह - डायबिटीज के क्षेत्र में आई एक नई दवाई एसजीएलटी 2 इन्हीबिटर (SGLT 2 Inhibitors) की उपलब्धियों, जिससे मरीजों को किडनी एवं हृदय के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों से बचाया जा सकता है, तथा इसी दवाई से ब्लड प्रेशर में भी आराम मिल जाता है और मोटापे के मरीजों में वजन भी कम होने लगता है, पर चर्चा हुई। शोधकर्मियों का मानना है कि उन्होंने इस बीमारी से जुड़ी और भी अधिक जटिल तस्वीर सबके सामने लाने में कामयाबी प्राप्त की है और इससे मधुमेह के उपचार का तरीका बदल सकता है.

Advertisment

इस हेतु चर्चा में वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist in Delhi/NCR) डॉ असित खन्ना, धीरेंद्र सिंघानिया, वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Delhi/NCR) डॉक्टर सुमन्तो चैटर्जी, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक यादव, गुर्दा रोग विशेषज्ञ (Kidney disease specialist in Delhi/NCR) डॉक्टर क्यू हसनैन वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट (Pulmonologist in Delhi/NCR) डॉक्टर के के पांडे डॉक्टर अर्जुन खन्ना डॉक्टर अंकित सिन्हा ने विशेष तौर पर भाग लिया और अपने-अपने विभाग से संबंधित मधुमेह से ग्रसित मरीजों एवं बीमारियों में प्रयोग होने वाली दवाओं के दुष्प्रभावों से मरीजों के बचाव के बारे में चर्चा की सभी डॉक्टरों का उद्देश्य था की डायबिटीज के मरीजों को दवाइयों के दुष्प्रभाव से कैसे बचाया जा सके

कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर बीएस त्यागी, डॉ रमाकांत गुप्ता, डॉ पीएन चौधरी, डॉक्टर आजाद, डॉक्टर कोटलिया, डॉ अश्वनी कंसल, डॉ अभिनव पांडे, डॉ रुचि, डॉ राहुल शुक्ला, डॉक्टर सुनील डागर, डॉ अनुज अग्रवाल, डॉक्टर राज भूषण, गौरव पांडे एवं अनुपम भी मौजूद थे।

Advertisment
सदस्यता लें