This is the peak period of the decline of Indian politics.
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यह भारतीय राजनीति के पतन का चरम काल है। इस देश का दुर्भाग्य ही यही है कि अब बाबा रामदेव जैसे लोग देश की राजनीति पर न सिर्फ बातें करते हैं बल्कि आजादी की लड़ाई के नायकों पर भद्दी और अश्लील टिप्पणियां भी करते हैं।
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नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की उपस्थिति में सलवार बाबा ने हाल ही में कहा था- “देश ने अपने भावी पीएम का सेलेक्शन कर लिया है। प्रधानमंत्री को दिल्ली की सड़कों पर खून बहा यह नजर नहीं आता, 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है तब वो अगर मोदी मौत के सौदागर हैं, तो मैं कहता हूं कि नेहरू मौत के महा सौदागर हैं।“
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यह पेट फुलाकर पानी पीने वाला, टैक्स में घपला करने वाला, घास-फूस का धंधा करने वाला फर्जी बाबा उन पंडित नेहरू के ऊपर टिप्पणी कर रहा है जिन पंडित नेहरू ने लंबा समय देश की आजादी की लड़ाई में जेल में बिताया, जिन पंडित नेहरू ने भारत को आधुनिक भारत और एक संपूर्ण राष्ट्र बनाया, जिन पं. नेहरू ने बड़े कलकारखाने लगाए। जिन पं नेहरू ने अपना संपत्ति राष्ट्र को दे दी और अपने नाम से एक कारखाना तो छोड़िए एक दुकान भी नहीं लगाई, उन पं. नेहरू के ऊपर वह बाबा अश्लील टिप्पणी कर रहा है जो कई मामलों में मुल्जिम है, जिसका सियासी कुनबा आजादी की लड़ाई के दौरान स्वाधीनता संग्राम से गद्दारी कर रहा था।
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इससे भी ज्यादा शर्म की बात यह है कि पं. नेहरू के वंशजवरुण फिरोज गांधी इतने अपशब्द सुनने के बाद भी आज तक भारतीय जनता पार्टी में बने हुए हैं! अगर वरुण गांधी में जरा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें तत्काल भाजपा छोड़ देनी चाहिए वरना स्पष्ट करना चाहिए कि क्या पं. नेहरू मौत के महासौदागर थे?
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एम. वाई. ए. खान
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लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार व वजूद मोर्चा के संयोजक हैं।
पंडित नेहरू : आधुनिकता, राष्ट्रीयता और आधुनिक भारत | नेहरू की भूमिका को यहां से समझें