लखनऊ विश्वविद्यालय में मारपीट प्रशासनिक अधिकारियों और गुंडों के बीच है गुरु शिष्य के मध्य नहीं
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छात्र नेत्री पूजा शुक्ला एवं अन्य छात्र नेताओं ने कहा कि हम लोकतांत्रिक एवं अहिंसक आंदोलन में भरोसा रखते हैं, आंदोलन जारी रखेंगे परंतु कुलपति पर हमले की निंदा करते हैं
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लखनऊ, 05 जुलाई। आज लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र नेत्री पूजा शुक्ला और अन्य छात्र नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि हम विश्वविद्यालय में 25 छात्रों के प्रवेश, लोकतंत्र बहाली एवं फीस वृद्धि के खिलाफ तीन दिन से शांतिपूर्वक अनशन कर रहे थे, परन्तु शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने के लिए प्रशासन द्वारा साजिशन मारपीट की घटना करवायी गयी जिससे कि उपद्रवियों के बहाने शांतिपूर्ण आंदोलन को भी खत्म किया जा सके। जबकि अनशनकारी छात्रों से उपद्रवियों का कोई सरोकार न था।
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लविवि मे गुरु शिष्यों के बीच सौहार्द है, यह विवाद प्रशासनिक अधिकारियों और गुंडों के बीच का विश्व विद्यालय के छात्र लोकतांत्रिक एवं अहिंसक आंदोलन में भरोसा रखते हैं इसलिए हम लूटा-लुआक्टा के गुरुजनों से अपील करते हैं कि सत्ता के दलाल भ्रष्टाचारी लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन के पक्ष में खड़े होने के बजाए पीड़ित छात्रों के पक्ष में खड़े हों जिस तरह पूर्व कुलपति ,पूर्व प्रोफेसर सहित तमाम वर्तमान में कार्यरत तमाम प्रोफेसरों ने हम छात्रों के शांतिपूर्ण अनशन का समर्थन किया है।
वक्तव्य में कहा गया कि जनअपील के चलते आज छात्र नेत्री पूजा शुक्ला द्वारा सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के हाथों से अनशन तोड़ा गया। परंतु 25 छात्रों के प्रवेश एवं विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। विश्वविद्यालय में चार नामजद लोगों के साथ 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा करवाया गया है जबकि प्रशासन दोषियों से भली भांति परिचित साथ ही सीसीटीवी फुटेज में भी उन्हें साफ साफ देखा जा सकता है ऐसे में 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा आंदोलनकारियों को फंसाने की साजिश के तहत किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का उपद्रवियों को अनशनकारियों से जोड़ने का कुत्सित प्रयास निंदनीय प्रवेश हेतु हम सब न्यायालय से लेकर सड़क तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
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