दक्षिणपंथी उग्रवाद पर रोक लगाएं प्रधानमंत्री : उपेंद्र कुशवाहा

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hastakshep
29 Jun 2019
दक्षिणपंथी उग्रवाद पर रोक लगाएं प्रधानमंत्री : उपेंद्र कुशवाहा

पटना, 29 जून 2019. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी - Rashtriya Lok Samata Party (रालोसपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने हाल में झारखंड और बंगाल में भीड़ द्वारा मॉब लिंचिंग (Mob lynching) पर गहरी चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे दक्षिणपंथी उग्रवाद (Right wing extremism) पर काबू पाने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि भीड़ मुसलमानों से जय श्रीराम का नारा लगाने को कहती है और फिर उन पर हमला करती है. झारखंड में भीड़ की पिटाई से तबरेज अंसारी की मौत हो गई तो बंगाल में भीड़ ने एक मौलवी मोहम्मद शहरुख हलदर को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया. इसी तरह दिल्ली के रोहिणी में जय श्रीराम नहीं कहने पर मौलाना मोमिन को कार से कुचलने की कोशिश की गई.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फ़ज़ल इमाम मल्लिक ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कुशवाहा ने पहले भी इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताते हुए जरूरी कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी. मल्लिक के मुताबिक कुशवाहा ने कहा कि यह प्रवृति खतरनाक है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर रोक लगाने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सरकार को इस पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात तो कही लेकिन उनके इस नारे की धज्जियां दक्षिणपंथी उग्रवादी लगातार उड़ा रहे हैं और प्रधानमंत्री खामोश हैं और गृह मंत्री अमित शाह चुप हैं. उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन तलाक की शिकार महिलाओं की तो बड़ी फिक्र है लेकिन उन मुसिलम महिलाओं की नहीं जिनके पतियों को दक्षिणपंथी गुंडे हत्या कर विधवा बना रहे हैं.

मल्लिक के मुताबिक कुशवाहा ने सरकार से कहा है कि सरकार को तत्काल जल्द कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि देश का हर नागरिक खुद को सुरक्षत महसूस कर सके.  उन्होंने प्रधानमंत्री से गुहार की कि सिर्फ सबका विश्वास कह भर देने से विश्वास नहीं पनपता, उस पर अमल भी जरूरी है, जो अभी दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से यह प्रवृति बढ़ी है और दोबारा केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद इस तरह का उन्माद और बढ़ा है और देश के लिए यह ठीक नहीं है.

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