रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद : फैसले से पहले उप्र के मुख्य सचिव, डीजीपी से मिले न्यायमूर्ति गोगोई
नई दिल्ली, 8 नवंबर 2019. रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के फैसले (Ramjanmabhoomi Babri Masjid land dispute verdict) से पहले एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई (Chief Justice Justice Ranjan Gogoi) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ अति गोपनीय बैठक की।
समझा जाता है कि बैठक में प्रदेश में कानून-व्यवस्था का न्यायाधीश ने जायजा लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांच न्यायाधीशों में से अन्य दो न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी मौजूद रहे।
अयोध्या मामले पर फैसला कभी भी आ सकता है, इसलिए बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित चर्चा की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,
“न्यायधीशों और राज्य अधिकारियों के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे खत्म हुई।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?
70 साल पुराने जमीनी विवाद की सुनवाई 40 दिनों तक चलने के बाद 17 अक्टूबर को पूरी हो गई थी और उम्मीद जताई जा रही है कि 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला कभी भी आ सकता है।
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