मोदी जी, अगर आरएसएस आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं थी तो इसमें कांग्रेस या किसी और का क्या दोष
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मोदी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो आदतन झूठ बोलते हैं
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झूठ का पर्दाफाश
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प्रशांत टंडन
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कल मोदी का भाषण सुना. लगा कि ठीक होने जगह इनकी झूठ बोलने के बीमारी में इजाफा हो रहा है. प्रधानमंत्रियों या जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगो के बयानों पर पहले भी विवाद उठते रहे हैं. उनके कही बातों का पक्ष और विपक्ष दोनों रहा है. लेकिन मोदी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो आदतन झूठ बोलते हैं और प्रधानमंत्री के पद का देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.
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अगर आरएसएस आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं थी तो इसमे कांग्रेस या किसी और का क्या दोष है. और इसे छुपाने के लिये आप रोज़ सौ झूठ बोलोगे तो क्या इतिहास में लिखा मिटा पाओगे.
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ज़रूरत है एक मुहिम के तहत इनके झूठ का पर्दाफ़ाश करने की और सच को जनता के सामने रखने की.
मेरा सुझाव है 15 जनवरी से 30 जनवरी तक एक मुहिम चलाई जाये सोशल और डिजिटल मीडिया में, देश के कई शहरों में जन सभायें और प्रदर्शनियां लगा कर जिसमे आज़ादी की लड़ाई के गद्दारों का पर्दाफ़ाश किया जाये. दस्तावेज़, तस्वीरों और ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने रख ये बताया जाये कि जब भगत सिंह फांसी पर झूल रहा था तब अंग्रेजों के साथ कौन खड़ा था, किसने की थी चन्द्रशेखर आजाद के खिलाफ मुखबिरी, जब क्रातिकारी जेल जा रहे तो कौन अंग्रेजों का गवाह बन रहा था.
जल्द ही इस बारे में बैठक बुलाऊंगा. बहुत से लोगों को अलग-अलग शहरों से इसमें जोड़ना होगा. सुझाव आमंत्रित हैं.
(प्रशांत टंडन, वरिष्ठ पत्रकार हैं, उनकी एफबी टाइमलाइन से साभार)